
एक्टर इरफ़ान ख़ान ने 53 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे।
मुख्य बिंदु :
- मां सईदा के जाने के बाद अब अभिनेता इरफान ने भी अंतिम विदाई
- दो दिन पहले ही हुआ था मां का इंतकाल
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए किए थे अंतिम दर्शन
- बॉलीवुड जगत में छाई शोक की लहर, जयपुर भी हुआ गमजदा
बॉलीवुड में अपनी दमदार ऐक्टिंग के जरिए लाखों लोगों को अपना प्रशंसक बनाने वाले राजस्थान के एक्टर इरफान खान (Irfan khan) अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं। उनके जाने की खबर के साथ ही अब बॉलीवुड और उनके होमटाउन जयपुर में शोक की लहर छा गई है। इससे पहले उनकी मां सईदा बेगम भी दो दिन पहले ही दुनिया से रुखसत हुई थीं। बताया जाता है कि इरफान का मां (Irfan khan mother) के साथ गहरा रिश्ता था, जिसे वो कई बार इंटरव्यू में व्यक्त कर चुके थे। लेकिन एक इंटरव्यू में इरफान ने अपनी मां के लिए मुनव्वर राणा का एक शेर पढ़ा था, जो उनके मां और उनके एक साथ जाने के इतेफाक और दोनों के गहरे रिश्ते को बयां करता है। यह शेर “जब भी कश्ती मेरी सैलाब में आ जाती है , मां दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है ” था।
इरफ़ान ख़ान के निधन को लेकर ऑफ़िशियल बयान भी जारी कर दिया गया है। इसमें लिखा गया है– ‘मुझे यकीन है कि मैं सेरेंडर कर चुकासांस तक लड़े और उन सभी को प्रेरित किया, जो उनके पास आया। जब उन्हें 2018 में कैंसर जैसी न्यूज़ का झटका हूं। ये कुछ शब्द हैं, जो इरफ़ान ने 2018 में अपने कैंसर से लड़ने की शुरुआत में कहे थे। यह बहुत दुख देने वाला है कि हमें उनके ना रहने की ख़बर को आगे लाना पड़ रहा है। इरफ़ान एक बहुत ही मजबूत व्यक्ति थे, जो अपनी आखिरी लगा, तब उन्होंने उसके साथ आने वाली हर लड़ाई को लड़ा।‘
इसमें आगे लिखा गया है, ‘इरफ़ान अपने प्यार और परिवार से घिरे रहते थे, एक सच्ची अपनी खु़द की सच्ची विरासत पीछे छोड़कर जा रहे हैं। हम सब यह प्रार्थना और आशा करते हैं कि उन्हें शांति मिले। अपने शब्दों पर रहते हुए, जो उन्होंने आखिरी में कहे थे। ऐसा कि जैसे कि ज़िंदगी को पहली बार चख रहा हूं, यह उसका चमत्कारी भाग है।‘
आपको बता दें कि अभिनेता इरफान खान (Irfan khan) न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर जैसी दुर्लभ बीमारी से जूझ रहे थे। साथ ही काफी लंबे समय से उनका इलाज चल रहा था। हाल ही दोबारा तबियत बिगड़ने के बाद इरफान को मुंबई के कोकिला बेन अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। बता दें 2018 में इरफान खान (Irfan khan) को न्यूरोइंडोक्राइन ट्यूमर का पता चला था। लंदन में उनका इलाज चल रहा था। इसके बाद उनकी तबीयत में सुधार होने के बाद वह भारत वापस आ गए थे। बीते दिनों उनकी मां का निधन हो गया था। लॉकडाउन के चलते वह उनके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सके थे। लंदन से इलाज करवाकर लौटने के बाद इरफान कोकिलाबेन अस्पताल के डॉक्टर्स की देखरेख में ही रहे हैं। पिछले कई महीनों से कोकिलाबेन अस्पताल में वह अपनी बीमारी से जुड़े रूटीन चेकअप्स और ट्रीटमेंट करवाते रहे हैं। बताया जाता है कि फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम‘ के दौरान भी उनकी तबीयत बिगड़ जाती थी। ऐसे में कई बार पूरी यूनिट को शूट रोकना पड़ा था। इरफान जब बेहतर फील करते थे, तब शॉट फिर से लिया जाता था।
इरफ़ान ख़ान ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत इंटरनेशल फ़िल्म से की थी। उनकी पहली फ़िल्म ‘सलाम बॉम्बे‘ को ऑस्कर के लिए नॉमिनेशन भी मिला था। उस समय इरफ़ान ख़ान एनएसडी में अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे थे।
