
अधिकारियों के अनुसार मंगलवार को जिन अफसरों ने बयान दर्ज कराये उनमें वो शामिल हैं जिन्होंने मोइन कुरैशी रिश्वतखोरी मामले में, आईआरसीटीसी घोटाले में और पशु तस्करी मामले में जांच की थी।
सीबीआई के वरिष्ठतम अधिकारियों के भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरने के बाद अब जांच का सिलसिला भी शुरू हो गया है। सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की भ्रष्टाचार के आरोप वाली शिकायत में सामने आये महत्वपूर्ण मामलों की जांच कर रहे कुछ अधिकारियों से मंगलवार को केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने पूछताछ की।
अधिकारियों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक सीबीआई के निरीक्षक से लेकर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया गया और सीवीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के सामने उनके बयान दर्ज किये गये।
अधिकारियों ने नाम जाहिर नहीं होने के अनुरोध पर कहा कि यहां सीबीआई मुख्यालय से और कुछ क्षेत्रीय दफ्तरों से इन अधिकारियों को बुलाया गया। उन्होंने बताया कि सीबीआई अफसरों से उन मामलों का ब्योरा मांगा गया जिनकी जांच में आलोक वर्मा द्वारा कथित हस्तक्षेप के आरोप सामने आये हैं।
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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सीवीसी से अस्थाना द्वारा आलोक वर्मा के खिलाफ लगाये गये आरोपों के मामले में जांच दो सप्ताह के भीतर पूरी करने को कहा था। एक दूसरे पर कदाचार का आरोप लगाने वाले दोनों अधिकारियों को केंद्र सरकार ने छुट्टी पर भेज दिया है और फिलहाल नागेश्वर राव को जांच एजेंसी का अंतरिम निदेशक नियुक्त किया गया है।
सीबीआई ने राकेश अस्थाना (स्पेशल डायरेक्टर) और कई अन्य के खिलाफ कथित रूप से मीट कारोबारी मोइन कुरैशी की जांच से जुड़े सतीश साना नाम के व्यक्ति के मामले को रफा-दफा करने के लिए घूस लेने के आरोप में FIR दर्ज की थी।
वहीं दूसरी तरफ मंगलवार को डीएसपी देवेंद्र कुमार और बिचौलिये मनोज प्रसाद की दिल्ली की पटियाला हाई कोर्ट में पेशी हुई। कोर्ट ने देवेंद्र कुमार और मनोज प्रसाद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। दोनों को सीबीआई ने रिश्वतखोरी के एक मामले में दोनों को गिरफ्तार किया है। रिश्वतखोरी के इसी मामले में सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना का भी नाम है. देवेंद्र ने सोमवार को एक स्थानीय अदालत में एक जमानत अर्जी दाखिल की थी।

