
कांग्रेस ने पार्टी ने एक महीने के लिए अपने प्रवक्ता टीवी डिबेट में नहीं भेजने का फैसला किया है। इसके साथ ही कांग्रेस ने टीवी चैनलों से अपील की है कि वह अपने शो पर कोई भी पार्टी प्रतिनिधि को शामिल न करें। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी है। सुरजेवाला ने ट्वीट किया है, कांग्रेस ने एक महीने के लिए पार्टी प्रवक्ताओं को टीवी डिबेट में नहीं भेजने का पैसला किया है। अभी मीडिया चैनलों और संपादकों से अपील है कि वे अपने शो में कांग्रेस के किसी भी प्रतिनिधि को शामिल न करें। वहीं दूसरी ओर लोकसभा चुनाव में मिली हार के कारण अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर अड़े राहुल गांधी को मनाने के लिए दिल्ली और राजस्थान सहित कांग्रेस की कई प्रदेश इकाइयों ने उनसे अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
सूत्रों का कहना है कि गांधी के रूख में कोई बदलाव नहीं आया है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित और पार्टी के कई नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने उनसे अपना फैसला बदलकर पार्टी का नेतृत्व जारी रखने का आग्रह किया है। डीपीसीसी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने गांधी के आवास पर एकत्र होकर राहुल गांधी के पक्ष में नारेबाजी भी की। दूसरी तरफ, राजस्थान, गोवा और हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस इकाइयों ने प्रस्ताव पारित कर आग्रह किया कि वह इस्तीफे की पेशकश वापस लें। कांग्रेस नेताओं के एक धड़े के बीच यह चर्चा भी है कि अगर राहुल गांधी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश से पीछे नहीं हटते हैं तो अगले कुछ दिनों के भीतर कोई अंतरिम व्यवस्था हो सकती है, हालांकि पार्टी की पूरी कोशिश होगी कि गांधी अपने पद पर बने रहें।
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में गांधी ने इस्तीफे की पेशकश करते हुए यह भी कहा था कि वह अध्यक्ष नहीं रहते हुए भी पार्टी के लिए सक्रियता से काम करते रहेंगे। ऐसे में यह चर्चा भी है कि अध्यक्ष पद से मुक्त होने की स्थिति में उन्हें लोकसभा में कांग्रेस के नेता की जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने इस बारे में पूछे जाने पर जो चर्चा और अटकलें चल रही हैं, वो फिलहाल अफवाहें ही हैं। पूरी स्थिति स्पष्ट होने के लिए अगले कुछ दिनों तक का इंतजार करना चाहिए।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी की बैठक में राहुल गांधी के त्यागपत्र की पेशकश स्वीकार नहीं करने संबंधी एक प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में 25 मई को नई दिल्ली में कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पारित प्रस्ताव का समर्थन किया गया। कांग्रेस महासचिव और राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि प्रदेश कार्यकारिणी की यह बैठक प्रदेश के समस्त कांग्रेसजनों की भावनाओं के अनुरूप सर्वसम्मति से केन्द्रीय कार्यकारिणी में पारित प्रस्ताव का अनुमोदन करती है और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के प्रति पूर्ण विश्वास व्यक्त करते हुए उनसे अनुरोध करती है कि वह हमें अपना प्रभावी नेतृत्व प्रदान करते रहें।
इस्तीफे पर अड़े हैं राहुल गांधी, रखी शर्त
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी महज 52 सीटों पर सिमट गई है। पार्टी के खराब प्रदर्शन से नाराज राहुल गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सामने इस्तीफे की पेशकश की, लेकिन पार्टी नहीं मानी। अभी भी राहुल इस्तीफे पर अड़े हुए हैं। सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी समेत कई नेताओं ने उन्हें मनाने की कोशिश की है। इस मान-मनौव्वल के बाद राहुल ने पार्टी के सामने शर्त रखी है कि वह अध्यक्ष पद छोड़ने का मन बना चुके हैं, लेकिन जब तक पार्टी को विकल्प नहीं मिलता है तो वह जिम्मेदारी संभालने को तैयार हैं. पार्टी सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी अगले तीन-चार महीनों के लिए पार्टी के अध्यक्ष बने रहेंगे. हालांकि, प्रियंका गांधी से मुलाकात करने के बाद एक पार्टी नेता ने आज तक को बताया कि राहुल अपना फैसला बदल सकते हैं, क्योंकि उनका विकल्प ढूंढना मुश्किल है.
सपा ने प्रवक्ताओं के खिलाफ की थी कार्रवाई
कांग्रेस से पहले समाजवादी पार्टी ने अपने सभी प्रवक्ताओं को हटा दिया था। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पार्टी के सभी प्रवक्ताओं का मनोनयन तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया था। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने इस आशय का पत्र सभी समाचार चैनलों को भेजा था। पत्र में पार्टी का पक्ष रखने के लिए किसी भी पदाधिकारी को आमंत्रित नहीं करने का अनुरोध किया गया था।