जिस हवा में भारतीय सांस लेते हैं, वह हर दिन ज़हरीली हो रही है| एक शोध के मुताबिक वायु प्रदूषण के कारण हर रोज़ दो लोग मारें जाते हैं। चिकित्सीय पत्रिका ‘द लांसेट’ के अनुसार, हर साल वायु प्रदूषण के कारण 10 लाख से ज्यादा भारतियों की मौत होती हैं| दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में भारत के 12 शहरों के नाम शामिल हैं।
शोध में कहा गया है कि वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन विस्तृत तौर पर एक-दूसरे से जुड़ें हैं। ‘द लांसेट’ के मुताबिक जलवायु परिवर्तन मानवीय स्वास्थ्य पर भारी खतरा पैदा करता है। शोध के अनुसार उत्तर भारत में ‘शैडो स्मॉग’ भारी नुकसान कर रहा है। हर मिनट भारत में दो लोगों की वायु प्रदूषण के कारण मौत हो जाती हैं। इसके अलावा, विश्व बैंक के आकलन के मुताबिक यदि भारत में श्रम से होने वाली आय के अनुसार देखा जाए तो इससे 38 अरब डॉलर का नुकसान होता है।
दुनियाभर में भारत ऐसा चौथा खतरनाक देश है जहाँ प्रदुषण के कारण लोगों की समय से पहले मौत हो जाती है।
हाल ही में 48 प्रमुख वैज्ञानिकों ने शोध जारी किया और पाया कि पीएम 2.5 के स्तर या माइक्रो मैटर, फाइन पार्टिक्युलेट मैटर के संदर्भ में पटना और नई दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर हैं।
महानगरों में प्रदुषण स्तर सबसे अधिक है| लेकिन अब छोटे शहरों में भी प्रदुषण का प्रकोप बढ़ रहा है। WHO द्वारा जारी एक रिपोर्ट में दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से लगभग आधे भारत के हैं। स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2017 रिपोर्ट के अनुसार खुलासा हुआ है कि भारत में 2015 में वायु प्रदूषण से 10.90 लाख लोगों की मौत हुई है। पीएम 2.5 पार्टिकल प्रदूषण से बीमारियों की सबसे बड़ी वजह हैं।
1990 से अब तक भारत में प्रदूषण से मौत की दर 48 फीसदी बढ़ी है। वहीं, चीन में इसी अवधि में प्रदूषण से मौत की दर 17.22 फीसदी बढ़ी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक ओजोन प्रदूषण से होने वाली मौत में भारतीय सबसे ज्यादा है।
‘स्टेट ऑफ़ ग्लोबल रिपोर्ट’ के मुताबिक साल 2015 में चीन में प्रदूषण से 11.08 लाख, भारत में 10.90 लाख, रूस में 1.37 लाख, पाकिस्तान में 1.35 और अमेरिका में 88 हज़ार जानें गई।
पर्यावरण इंडेक्स में भारत 178 देशों में 155वां स्थान पर हैं। प्रदूषण के मामलें में ब्रिक्स देशों में भारत सबसे आगे हैं। भारत की तुलना में पाकिस्तान, नेपाल, चीन और श्रीलंका की हालत बेहतर है।
वाहनों से निकलने वालें धुआं ज्यादा हानिकारक
वायु प्रदूषण जीवाश्म ईधन जैसे कोयला, पेट्रोल, डीजल से होता हैं। डीजल-पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों से भी वायु प्रदूषण होता हैं।इसके साथ ही इंडस्ट्रियल प्रदूषण से भी हालात बिगड़े हैं।
वायु प्रदुषण से होने वाले रोग
- दमा
- कार्डियोवैस्कुलर समस्याएं
- लिवर और गुर्दे की बीमारी
भारत के 15 सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट
‘टाइम्स ऑफ़ इंडिया’ के रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 15 ऐसे शहर है जो सबसे ज्यादा प्रदूषित है|
- कानपूर
- फरीदाबाद
- वाराणसी
- गया
- पटना
- दिल्ली
- लखनऊ
- आगरा
- मुजफ्फरपुर
- श्रीनगर
- गुडगाँव
- जयपुर
- पटियाला
- जोधपुर
- अली सुबह अल- सलेम (कुवैत)
प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए जा रहे ये प्रमुख कदम
- राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानकों की अधिसूचना|
- पर्यावरण नियमों/विधियों का निर्माण|
- परिवेश वायु गुणवत्ता के आकलन के लिए निगरानी कमेटी की स्थापना|
- क्ल्पिक ईंधन जैसे गैसीय ईंधन (सीएनजी, एलपीजी इत्यादि) का परिचय, इथेनॉल मिश्रण इत्यादि।
- क्लीनर उत्पादन प्रक्रियाओं का प्रचार।
- अप्रैल 2015 में प्रधान मंत्री द्वारा राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचि की शुरूआत|
- 63 चुने गए शहरों में भारत चरण IV (बीएस -4) 2017 तक लागु हो जाना चाहिए।
- प्रदूषण वाहनों पर टैक्सिंग और हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देना|
- नगर निगम द्वारा बेकार प्लास्टिक, जैव चिकित्सा और इलेक्ट्रॉनिक सहित विभिन्न बेकार नियमों में सुधार|
- निर्माण में बेकार प्रबंधन नियमों की सूचना|
- पत्तियों, बायोमास, नगरपालिका ठोस पदार्थ जलाने पर प्रतिबंध|
- मेट्रो, बसों, ई-रिक्शा के सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क का प्रचार और कार पूलिंग के प्रचार, नियंत्रण के तहत प्रदूषण, लेन अनुशासन, वाहन रखरखाव|
- मौजूदा पर्यावरणीय मानकों का संशोधन और उद्योगों से प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण के लिए नए मानकों का निर्माण|
- एनसीआर के भीतर दिल्ली और अन्य राज्य सरकारों के साथ आधिकारिक और मंत्री स्तर पर नियमित बैठकें|
- पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1 9 86 की धारा 5 के तहत दिशानिर्देश जारी करना और जल (रोकथाम और प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा 18 (1) (बी) और वायु (रोकथाम और प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम, 1981|
- प्रमुख उद्योगों द्वारा ऑनलाइन निरंतर (24x7) निगरानी उपकरणों की स्थापना।
- राज्य सरकारों द्वारा जलीय संसाधनों में सीवेज प्रबंधन और जल गुणवत्ता की बहाली के लिए कार्य योजना की तैयारी|
- विभिन्न नदियों में प्रदूषण को कम करने और संरक्षण गतिविधियों को रोकने के लिए राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना में सुधार|
भारत में प्रदुषण कम करने की दिशा में निति नियंतक और सरकार द्वारा बड़े कदम उठाए जा रहें है लेकिन अब तक इसका कोई सकरात्मक असर देखने को नहीं मिला| विश्व भर में प्रदुषण एक बड़ी समस्या बन चूका है, जिसे कम करने के प्रयारी है|

