
पुलिस ने वासीम अयूब मलिक और अब्दुल हसीब मीर के खिलाफ तीन सदस्यीय समिति द्वारा आयोजित विश्वविद्यालय की आंतरिक जांच पर एक रिपोर्ट मांगी है ।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में गए आतंकवादी मन्नान वानी के समर्थन में शोक सभा आयोजित करने के मामले में विश्वविद्यालय ने दो कश्मीरी छात्रों का निलंबन वापस ले लिया है। इससे पहले खबर थी कि विश्वविद्यालय ने तीन छात्रों को निलंबित किया है। कश्मीर में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में आतंकवादी मन्नान वानी मारा गया। वहीं, विश्वविद्यालय के इस फैसले पर कश्मीरी छात्र अपनी आगे की रणनीति को लेकर बैठक कर रहे हैं।
इस पूरे मामले पर अलीगढ़ के एसएसपी अजय साहनी ने कहा, ‘विश्वविद्यालय जो भी कदम उठाना चाहे, उठा सकता है। हम इस बारे में एएमयू से औपचारिक सूचना की अभी भी प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसके बाद ही हम फैसला लेंगे। अब तक यह केस बना हुआ है और एफआईआर में दर्ज नामों के खिलाफ देशद्रोह का मामला है।’
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पुलिस अधिकारी का कहना है की हमें कोर्ट को जवाब देना होता है इसलिए हम विश्वविद्यालय की तरफ से औपचारिक जानकारी और सीसीटीवी फुटेज की प्रतीक्षा करेंगे। इस बीच एएमयू के जनसंपर्क अधिकारी उमर पीरजादा ने दोनों छात्रों के निलंबन वापस लेने की पुष्टि की। उन्होंने कहा, ‘छात्रों का निलंबन वापस हो गया है। हम अपनी तथ्य अन्वेषी टीम की रिपोर्ट से जिला प्रशासन को अवगत कराएंगे ताकि वे एफआईआर खारिज करने के बारे में निर्णय ले सकें। हम दोहराना चाहते हैं कि प्रशासन की तरफ से किसी भी छात्र को प्रताड़ित नहीं किया जाएगा।
एएमयूएसयू के पूर्व उपाध्यक्ष सज्जाद ने कहा, ‘हमारा निलंबन वापस लेने से कुछ भी लेना-देना नहीं है। यह आंतरिक मामला है। हमारी मुख्य मांग प्राथमिकी रद्द करने और देशद्रोह के आरोप हटाने की है। हमारा प्रदर्शन जारी है। एएमयू रजिस्ट्रार अब्दुल हामिद ने कहा है की हम पुलिस जांच के लिए सभी संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। हमने उन्हें (छात्रों) को बताया कि पुलिस जांच कर रही है और हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं।

