विधानसभा चुनाव में मोदी सरकार की हुई करारी हार के बाद अब अगले साल होने वाले आम चुनाव को देखते हुए केंद्र सरकार ने अपना खजाना किसानो के लिए खोलने जा रही है| सरकारी सूत्रों के मुताबिक बुधवार को मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि मोदी सरकार देशभर में 26.3 करोड़ किसानों का 4 लाख करोड़ रु. का कर्ज माफ करने की तैयारी में है| हालांकि, सरकार ने इन दावों का खंडन किया है| किसी भी चुनाव से पहले जिस दल ने अपने प्रचार में किसानों का कर्जमाफ करने की घोषणा की चुनाव परिणाम ज्यादातर बार उसी के पक्ष में रहे| उत्तर प्रदेश, पंजाब और हाल ही हुए राजस्थान समेत 5 राज्यों के चुनाव परिणाम इसके उदाहरण हैं| सूत्रों के अनुसार कर्ज माफी के लिए पैसे के आवंटन की योजना पर जल्द काम होगा| हालांकि, कृषि मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेट्री अशोक दलवी ने कहा, ‘कर्ज माफी राज्यों का विषय है|’
सरकार अब देश भर के 26.3 करोड़ किसानों और उनके आश्रितों द्वारा लिए गए विभिन्न सरकारी बैंकों से लिए गए कर्ज को माफ करने की योजना पर काम कर रही है| कर्ज माफ होने की कुल रकम 56.5 बिलियन डॉलर (4 लाख करोड़ रुपए) है जो कि भारतीय रिजर्व बैंक के पास मौजूद 9.6 लाख करोड़ से काफी ज्यादा है|
केंद्र सरकार यह कदम इसलिए उठा रही है क्योंकि विधानसभा चुनावों में किसान सबसे ज्यादा नाराज थे| अब सरकार लोकलुभावन घोषणाएं करने जा रही है ताकि इसका फायदा पार्टी को मई 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में मिल सके| भाजपा की केंद्र में पिछले साढ़े चार सालों से सरकार है| इस दौरान किसानों की आय बढ़ने के बजाय घटती गई| वहीं खेती से होने वाली पैदावार भी सितंबर में खत्म हुई तिमाही में 5.3 फीसदी से घटकर केवल 3.8 फीसदी रह गई| उपज कमजोर होने के साथ ही किसानों की आय पर भी प्रभाव पड़ा है| किसानों की आय में गिरावट होने से गांव-देहातों में उपभोक्ता वस्तुओं की बिक्री भी काफी कम हो गई है|

