
लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र चुनाव आयोग ने सोशल मीडिया के बढ़ते दुरूपयोग की वजह से मंगलवार को कंपनियों की अहम बैठक बुलाई थी| इस बैठक के दौरान कंपनियों ने चुनाव के दौरान खुद के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आदर्श आचार संहिता लागू करने का भरोसा दिया| आज से यह आचार संहिता लागू हो गई है|
फेसबुक और ट्विटर समेत अन्य सोशल मीडिया, मोबाइल और इंटरनेट कंपनियों के प्रतिनिधियों ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा की अध्यक्षता में हुई बैठक में बुधवार शाम से ही अपने ऊपर ‘आचार संहिता‘ लागू करने का भरोसा दिलाया है| इससे आयोग की ओर से स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान के लिए राजनीतिक दलों पर लागू होने वाली चुनाव आचार संहिता का पालन सुनिश्चित हो सकेगा|
चुनाव आयोग के अधिकारीयों के मुताबिक बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोरा ने सोशल मीडिया के प्रतिनिधियों से कहा कि वो मॉडल कोड ऑफ़ कंडक्ट की तर्ज पर एक कोड तैयार करें जो आगामी चुनाव और लॉन्ग टर्म दोनों में इस्तेमाल हो सके| बैठक के बाद चुनाव आयोग की एक ऑफिसियल रिलीज़ में कहा गया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया पूरे उद्योग के लिए एक कोड ऑफ एथिक्स यानी नैतिकता की संहिता तैयार करने पर राजी हो गए हैं|
रिलीज के मुताबिक कोड ऑफ एथिक्स की ऑपरेशनल डिटेल्स बुधवार शाम तक जारी कर दी जाएगी| जहां कहा गया है कि सोशल मीडिया कंपनियां उनके प्लेटफार्म का दुरूपयोग करने वालों के खिलाफ सख्ती से करवाई करें| चुनाव आयोग में हुई बैठक में इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया, फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, गूगल, शेयरचैट, टिक टॉक और बिगटीवी जैसे सामाजिक मीडिया संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया|
चुनाव आयोग के बयान के अनुसार सुनील अरोड़ा, चुनाव आयुक्त अशोक लवासा और सुशील चंद्रा की मौजूदगी में संपन्न बैठक में फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, गूगल और शेयरचेट सहित अन्य सोशल मीडिया कंपनियों, इंटरनेट और मोबाइल कंपनियों के संगठन (आईएएमएआई) के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया| बैठक में कंपनियों के प्रतिनिधियों ने चुनाव में सोशल मीडिया का दुरुपयोग रोकने के हरसंभव उपाय करते हुए अपने ऊपर भी आचार संहिता लागू करने का भरोसा दिलाया|
इससे पहले सुनील अरोड़ा ने सभी प्रतिनिधियों को चुनाव आचार संहिता के विशिष्ट ऐतिहासिक महत्व का हवाला देते हुए कहा कि निष्पक्ष चुनाव के लिए राजनीतिक दलों सहित सभी पक्षकारों को इसका पालन करना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि मौजूदा आचार संहिता राजनीतिक दलों की अपनी पहल पर उनकी आम सहमति से तैयार की गई है.
इसी तरह चुनाव प्रक्रिया में सोशल मीडिया के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए सोशल मीडिया क्षेत्र को भी राजनीतिक दलों की तर्ज पर अपने लिए आचार संहिता बनाकर इसका पालन करने की पहल करना चाहिए ताकि इस संहिता का भविष्य में भी पालन हो सके.
बैठक में सोशल मीडिया के दुरुपयोग की शिकायतों पर तुरंत एक्शन के लिए व्यवस्था करने, राजनीतिक विज्ञापनों की पूर्व प्रमाणन प्रक्रिया का पारदर्शी तरीके से पालन और जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 126 के उल्लंघन की सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दिए जाने सहित अन्य मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया.
इस बीच, चुनाव आयोग ने चुनाव खर्च पर निगरानी के लिए दो पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों को विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. पूर्व नौकरशाह शैलेन्द्र हांडा को महाराष्ट्र और मधु महाजन को तमिलनाडु में तैनात किया गया है. इन अधिकारियों को चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन संबंधी शिकायतों के निस्तारण पर भी निगरानी रखने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है.