
नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करने पर साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार हीरेन गोहेन, कृषक मुक्ति संग्राम समिति के नेता और आरटीआई कार्यकर्ता अखिल गोगोई, वरिष्ठ पत्रकार मंजीत महंत खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि असम पुलिस ने तीन पहले एक कार्यक्रम में नागरिकता विधेयक के विरुद्ध टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ मामले दर्ज किये हैं। इस विधेयक को लेकर राज्य में जबरदस्त प्रदर्शन हो रहा है। शहर के विभिन्न हिस्से में निषेधाज्ञा भी लागू है।
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गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने यहां संवाददाताओं को बताया कि पुलिस ने संज्ञान लेते हुए लातासिल पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (ए), 120 (बी) समेत संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि गोहेन, गोगोई और पत्रकार मंजीत महंत पर आईपीसी की धारा 121 और 123 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की कोशिश) के अंतर्गत भी मामले दर्ज किये गए हैं। कुमार ने कहा कि बैठक के दौरान विधेयक के खिलाफ टिप्पणी के लिए तीनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। मामले की जांच की जा रही है। इन सभी के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया गया है। मैं इसकी जांच कर रहा हूं कि यहां सात जनवरी को हुई नागरिक समाज की बैठक के दौरान उन्होंने क्या कहा था। तीनों एक नागरिक संगठन, नागरिक समाज के सदस्य हैं जो नागरिकता (संशोधन) विधेयक का विरोध कर रहा है।
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जानेमाने साहित्यकार और गुवाहाटी विश्वविद्यालय से रिटायर प्रोफेसर गोहेन ने कहा कि उन्हें देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने की जानकारी मिली है लेकिन इस बात की जानकारी नहीं है कि किस आधार पर यह दर्ज किया गया है। महंत प्रमुख असमिया अखबार के कार्यकारी संपादक रह चुके हैं। असम आंदोलन के शहीदों के परिजनों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक संगठन ने बृहस्पतिवार को नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में सम्मान लौटाने का फैसला लिया है। इस कदम ने 2015 के अवार्ड वापसी अभियान की याद दिला दी है। सदोऊ असम जातीया शहीद परियाल सम्मानराखी परिषद ने कार्यकारी बैठक में सम्मान लौटाने का संकल्प लिया। संगठन के अध्यक्ष राजेन डेका और सचिव चंद्रकांता तालुकदार ने बताया कि हमने असम सरकार द्वारा 10 दिसंबर 2016 को दिए गए सम्मान को लौटाने का फैसला लिया है। हम यह काम 31 जनवरी से पहले करेंगे।

