असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजेंस में 30 लाख नए लोगों ने आवेदन किया है| मालुम हो, पांच महीने पहले एनआरसी का फाइनल ड्राफ्ट में 40 लाख लोगों के नाम शामिल नहीं किये गए थे जिस पर लोगों ने आपत्ति जताई थी| इसके बाद लोगों को अपना नाम शामिल करने का मौका दिया गया था| इस दौरान कुल 600 आपत्तियां दर्ज कराई गई है, जिसमे लोगों ने दूसरों की नागरिकता पर सवाल खड़े किए हैं| इस प्रक्रिया की निगरानी कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने दावे या आपत्ति के लिए 31 दिसंबर की तारीख तय की थी| जानकारी के अनुसार आवेदनों के सत्यापन का काम 15 फरवरी से शुरू होना है|
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खबरों के अनुसार एनआरसी के फाइनल ड्राफ्ट में असम के कुल 3.29 करोड़ लोगों में से 40,47,707 लोगों को जगह नहीं मिली है| 30 जुलाई 2018 को एनआरसी जारी किया गया था| कुल 75 फीसदी आवेदन एनआरसी में अपने नाम को शामिल कराने का लोगों को मौका दिया गया था और 25 सितंबर 2018 से लोगों के आवेदन को स्वीकार किया जा रहा था| हालांकि, आवेदन की अंतिम तारीख 15 दिसंबर थी लेकिन इसे बाद में बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया था|
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एनआरसी अधिकारियों ने बताया कि आवेदन के आखिरी दिन बड़ी संख्या में लोगों के आवेदन प्राप्त किए गए| रविवार को कुल आवेदन के बाद तकरीबन 75 फीसदी लोगों ने फिर से आवेदन किया है कि उनके नाम को एनआरसी में शामिल किया जाए| गुवाहाटी के एक्टिविस्ट एबी खांडकर ने बताया कि जब केंद्र सरकार ने उस नियम को हटाया कि आवेदक को 31 दिसंबर 2015 के बाद के ही दस्तावेज को स्वीकार किया जाएगा तो लोगों के आवेदन की संख्या में इजाफा हुआ|बता दें एनआरसी की फाइनल लिस्ट को तैयार करने की अंतिम तारीख जून 2019 है| सर्विस सेंटर के अधिकारी ने बताया कि नाम में हुई किसी भी तरह की गलती को 2 जनवरी से 31 जनवरी के बीच सही कराया जा सकता है|

