भारतीय जनता पार्टी की पहचान बनाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी ने गुरुवार शाम 5:05 बजे अंतिम सांस लीं| 93 वर्षीय अटल जी दो महीने से एम्स में भर्ती थे लेकिन, पिछले 36 घंटों के दौरान उनकी सेहत में गिरावट आती चली गई| वे 9 साल से बीमार चल रहे थे पर 11 जून को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन के बाद एम्स में भर्ती किया गया था|
वाजपेयीजी का सफ़र
राजनीती जगत के ख़ास चेहरों में से एक अटल बिहारी वाजपेयी ने देश के तरक्की में ख़ास योगदान दिया था| उनका जन्म ग्वालियर शहर में 25 दिसंबर 1924 में हुआ था| वे साधारण परिवार से थे, इनके पिता कृष्णा बिहारी जो एक कवी और टीचर थे| अटल जी ने अपने जीवन में किसी से भी विवाह नहीं किया, वें सारी उम्र अविवाहित रहे परन्तु इनकी एक दत्तक पुत्री, नमिता भट्टाचार्य है| वें पढाई में काफी होशियार थे और इन्होने राजनितिक विज्ञान से प्रथम स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की थी| इन्होने कानपूर विश्वविद्यालय से वकालत की भी पढाई की पर सबसे हैरत की बात कि इनके पिता ने भी इस कॉलेज में दाखिला लिया और पढाई के दौरान पिता पुत्र एक ही कमरे में रहा करते थे|
अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने करियर की शुरुआत एक पत्रकार के रूप में किया था हालाँकि कुछ समय बाद वे पत्रकारिता छोड़ राजनीती में आ गए| उन्होंने भारत छोड़ो आन्दोलन के साथ ही 1942 में पहला कदम रखा | इसके बाद वें इसी दिशा में आगे बढे| 1955 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े पर इसमें उन्हें हार मिली| इसके बाद उन्होंने 1957 में पहली बार सांसद बनकर लोकसभा में आए और 1966 में वे पहली बार देश के प्रधानमंत्री बने पर केवल 13 दिनों के लिए ही |
अटल जी पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री थे और 1998 में वह फिर से पीएम बने और 2004 तक रहे| वाजपयी 10 बार लोकसभा सांसद और दो बार(1962 से 1986) राज्यसभा सांसद रहें है |
अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके है| पहली बार 1996 में, दूसरी बार 1998 में और तीसरी बार 1999 में | इसके साथ ही वें भारत के विदेश मंत्री का भी पद संभाला| 2007 में उनकी अंतिम सभा 25 अप्रैल को कपूरथाला चौराहे पर भाजपा के समर्थन में हुई थी परन्तु इसके बाद इनके स्वास्थ्य में गिरावट आती गई और राजनीती से उनका रिश्ता धीरे-धीरे ख़त्म होता गया|
राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी कई राष्ट्रीय पुरूस्कार से सम्मानित हो चुके है| अटल जी दुसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मविभूषण से सम्मानित किये गए है वहीँ, 1994 में भारत का सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरूस्कार और भारत रत्न का खिताब भी मिल चूका है|
अटल जी एक राजनेता होने के साथ-साथ एक अच्छे कवि भी रहें है| वे अक्सर अपने भाषण में कविताओं की कुछ पंक्तियाँ शामिल करते थे| इसके साथ ही वे प्रथम ऐसे व्यक्ति भी थे जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र के अन्तराष्ट्रीय मंच पर पहली दफा हिंदी भाषा में स्पीच दी थी|
अटल बिहारी वाजपेयी को हमेशा राष्ट्रीय नेता, सामाजिक कार्यकर्ता, साहित्यकार, कवि, पत्रकार और बहुआयामी व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा|

