
पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप से ईसाई महिला आसिया बीबी के मुक्त होने के बाद इस्लामिक कट्टरपंथियों में उबाल है। जगह–जगह हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बाद दुनियाभर की निगाहें पाकिस्तान पर हैं। आसिया और उसके परिजनों की जान को खतरा देखकर उन्हें अज्ञात स्थान पर सुरक्षित रखा गया है। इस बीच कनाडा आसिया बीबी को संभावित रूप से आश्रय देने के लिए पाकिस्तान से बातचीत कर रहा है।
यह बात कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इंटरव्यू के दौरान कही। उन्होंने आगे कहा कि हम पाकिस्तान सरकार से चर्चा कर रहे हैं। हालांकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए वह इस मुद्दे पर इससे अधिक जानकारी नहीं देना चाहते। उन्होंने कहा, लेकिन वह लोगों को ये याद दिलाना चाहते हैं कि कनाडा एक वेलकमिंग कंट्री है।
बताया जा रहा है कि आसिया बीबी इस वक्त पाकिस्तान में ही हैं, लेकिन वह कहां हैं इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। इस्लामी कट्टरपंथियों के उनके खिलाफ प्रदर्शन करने के कारण उनकी जान को खतरा है। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि वह पाकिस्तान छोड़ चुकी हैं। इसके चलते कई देशों की सरकारों ने उन्हें और उनके परिवार को आश्रय देने की पेशकश की है।
वहीं बीबी के पति ने ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा से अपील कर दावा किया है कि बीबी की जान तब तक खतरे में है, जब तक वह पाकिस्तान में रहेंगी। इस दौरान नीदरलैंड के विदेश मंत्रालय ने भी इस बात को खारिज कर दिया है कि बीबी के वकील को शरण देने के कारण सुरक्षा के खतरे से उनका दूतावास बंद रहा।
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वहीं पाकिस्तान छोड़ नीदरलैंड जाने संबंधी रिपोर्ट को ‘फर्जी खबर‘ बताया गया है। विदेश विभाग के प्रवक्ता डॉ. मोहम्मद फैजल ने कहा कि पांच बच्चों की मां आसिया के देश छोड़ने की खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा कि इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है, ये ‘फर्जी खबर‘ हैं। पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने इस तरह की खबरों को खारिज किया।
बता दें की निचली अदालत से आठ साल पहले मौत की सजा पाई आसिया को 31 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया था। इस फैसले से पाकिस्तान में कट्टरपंथी उबल पड़े हैं। उन्होंने देश के प्रमुख शहरों की सड़कें जाम कर फैसला सुनाने वाले सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की हत्या करने तक की धमकी दी है।

