चुनाव के दौरान शेयर बाज़ार में हलचल बनी रहती है| पिछले चुनाव की बात करें तो लोकसभा चुनाव 2014 के दौरान बाज़ार का रिकॉर्ड ऊँचाई तक पहुँच गया था| साल 2014 में चुनाव के दौरान बाज़ार पहली बार 25 हज़ार के अहम स्तर को पार किया था| इस दौरान सेंसेक्स में 1470 अंक की तेजी रही थी| वहीँ, अगर 2019 लोकसभा चुनाव की बात करें तो लोकसभा चुनाव के पहले चरण में बाज़ार का बुरा हाल रहा|
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11 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए वोट डाले गए| इस दिन शेयर बाज़ार तेजी नहीं दिखा सका और सपाट स्तर पर बंद हुआ| बीएसई के 31 कंपनियों के शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 21.66 अंकों मामूली तेजी के साथ 38,607.01 पर बंद हुआ| वहीं, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 कंपनियों के शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 12.40 अंकों के मामूली उछाल के साथ 11,596.70 पर बंद हुआ| इससे पहले के लोकसभा चुनाव में बाज़ार का स्तर गिरा है लेकिन इन सबके बावजूद आज तक बाज़ार तेजी नहीं पकड़ सका| इस बार बीएसई पर 17 कंपनियों के शेयर हरे निशान पर तो 13 कंपनियों के शेयर लाल निशान पर बंद हुए|
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वहीं, एनएसई पर 28 कंपनियों के शेयरों में लिवाली, जबकि 21 कंपनियों के शेयरों में बिकवाली दर्ज की गई, जबकि एक कंपनी के शेयर में कारोबार नहीं हुआ| जबकि अगर बढ़त दिखाने वाले शेयरों की बात की जाए तो सेंसेक्स में भारती एयरटेल, बजाज फाइनैंस और टाटा मोटर्स डीवीआर के शेयर में तेजी देखने को मिली| जबकि निफ्टी में इंडियाबुल हाउजिंग फाइनैंस,बजाज ऑटो और डॉ. रेड्डी के शेयर में बढ़त दे