
भीमा कोरेगांव की 201वीं बरसी पर भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर पुणे पहुंचेंगे। वह 30 दिसंबर को यहां एक रैली को संबोधित करेंगे और अगले दिन सावित्री बाई फुले पुणे विश्वविद्यालय (एसपीपीयू) के कुछ छात्रों से संवाद करेंगे।
दलित संगठन भीम आर्मी ने घोषणा की है कि उसके संस्थापक चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण 30 दिसंबर को पुणे में एक रैली को संबोधित करेंगे। इस कार्यक्रम का आयोजन एक जनवरी को भीमा कोरेगांव की लड़ाई की 201वीं बरसी से पहले किया जाएगा।
संगठन के प्रवक्ता ने बताया कि भीमा कोरेगांव संघर्ष महासभा में तीस हजार से अधिक लोगों के हिस्सा लेने की उम्मीद है। रैली का आयोजन यहां एसएसपीएमएस मैदान में किया जाएगा, जिसमें आजाद के अतिरिक्त संगठन के कई अन्य नेता कार्यक्रम के लिए उपस्थित रहेंगे।
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भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष दत्ता पोल ने बताया कि तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान आजाद 30 दिसंबर को रैली को संबोधित करेंगे और अगले दिन सावित्री बाई फुले पुणे विश्वविद्यालय (एसपीपीयू) के कुछ छात्रों से संवाद करेंगे। उन्होंने बताया कि वह एक जनवरी को भीमा कोरेगांव स्मारक की यात्रा करेंगे।
पोल ने कहा कि एक जनवरी को आजाद पहले भीमा कोरेगांव में स्मारक स्तंभ जाएंगे और बाद में स्मारक स्तंभ पर हेलिकॉप्टर से फूल बरसाएंगे। उन्होंने पुणे में महासभा करने और स्मारक पर जाने के लिए नगर और ग्रामीण पुलिस को आवेदन दिया है।
उन्होंने कहा कि हमें भरोसा है कि हमें अनुमति मिलेगी। कार्यक्रम के लिए पुलिस की ओर से अनुमति नहीं दिए जाने का कोई कारण नहीं है। आजाद के अतिरिक्त विनय रतन सिंह और मनजीत नौटियाल जैसे भीम आर्मी के अन्य नेता भी पुणे में होने वाली रैली में उपस्थित रहेंगे।
उन्होंने कहा की एसएसपीएमएस जमीन पर सभा के लिए अनुमति मांगने के लिए पुणे सिटी पुलिस के समक्ष एक आवेदन दायर किया है। पुलिस ने अभी तक हमें जवाब नहीं दिया है।

