
शनिवार,6 अक्टूबर शाम को डरपखा मिडिल स्कूल की लड़कियों ने अभद्र व्यवहार का विरोध करते हुए कुछ मनचलों की पिटाई कर दी थी| इसके बाद लड़कों ने अपने अभिभावकों के साथ मिलकर स्कूल के मैदान में कम से कम 34 लड़कियों पर हमला कर लड़कियों को लाठी डंडे से पीटा था। घायल लड़कियों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। प्राथमिक चिकित्सा के बाद ज्यादातर लड़कियों को छुट्टी दी गई है | लेकिन बालिकाओं और परिजनों में अब भी डर का माहौल बना हुआ है | मिडिया ने परिजनों से बात की तो उनका कहना है की “आज मारपीट हुआ है, कल को मार ही देगा तो किया करेंगे?… उठा ही ले गया तो प्रशासन हमको किया मदद करेगा”।
हो रही है न्यायिक जांच
त्रिवेणीगंज के डपरखा स्थित कस्तूरबा स्कूल में शनिवार को छात्राओं से हुई मारपीट के मामले की न्यायिक जांच होगी। बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव कमलेश चन्द्र मिश्रा ने सोमवार को जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी में वकील शोभा रानी और पीएलवी (पैरा लीगल वॉलेंटियर) हेमलता पांडे शामिल हैं। कमेटी को नौ अक्टूबर तक रिपोर्ट देने को कहा गया है। सचिव ने बताया कि एसपी और डीईओ को भी रिपोर्ट देने को कहा गया है।
मामले में अब तक दस आरोपित गिरफ्तार
कस्तूरबा की छात्राओं से मारपीट करने के मामले में पुलिस ने 10 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। इनमें सभी नौ नामजद आरोपित भी शामिल हैं। एसपी मृत्युंजय कुमार चौधरी ने बताया कि आरोपितों पर घातक हथियारों से हमला करने, जानबूझकर मारपीट करने, हत्या का प्रयास करने, यौन उत्पीड़न आदि से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है। डीएम बैद्यनाथ यादव ने बताया कि त्रिवेणीगंज अस्पताल में भर्ती 11 और सदर अस्पताल में भर्ती चार छात्राओं को छुट्टी देकर सोमवार को स्कूल भेज दिया गया। सुरक्षा के दृष्टिकोण से महिला मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में महिला पुलिस की प्रतिनियुक्ति स्कूल में कर दी गयी है।
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कैंपस में घुसकर लाठी डंडों से की थी पिटाई
छींटाकशी और अभद्रता का विरोध करने पर बिहार में सुपौल के त्रिवेणीगंज स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय स्कूल के मैदान में शनिवार की शाम खेल रही छात्राओं पर लड़कों ने अभिभावकों के साथ मिलकर हमला बोल दिया। लाठी-डंडे से लैश महिला-पुरुष हमलावरों ने छात्राओं को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा।
छात्राओं को बचाने आयी वार्डन और शिक्षिकाओं को भी नहीं बख्शा गया। लड़कियां और शिक्षिकाएं जैसे-तैसे ग्रिल के अंदर गयीं और तब उनकी जान बची। बदमाशों के हमले में तीन महिला सहित तीन दर्जन से अधिक छात्राएं घायल हुई थी। दो दर्जन घायल छात्राओं को त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था|
छेड़खानी का विरोध करने पर मनचलों ने छात्राओं को पीटा था |
डीएम बैद्यनाथ यादव ने बताया कि प्रशासन मामले में गंभीर है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की छापेमारी जारी है। उधर, रविवार देर शाम दरभंगा रेंज के आईजी पंकज दाराद भी त्रिवेणीगंज पहुंचे। उन्होंने स्कूल जाकर मामले की पूछताछ की और अस्पताल में इलाजरत बच्चियों से मिले। उन्होंने कहा कि मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा। सांसद रंजीत रंजन ने भी शनिवार की रात और रविवार को घायल बच्चियों का हालचाल जाना। वहीं घटना के विरोध में अभाविप ने त्रिवेणीगंज में आधे घंटे के लिए सड़क जाम की।
बता दें कि शनिवार को डरपखा मिडिल स्कूल मैदान में खेल रही कस्तूरबा की बच्चियों ने छींटाकशी और अभद्र व्यवहार का विरोध करते हुए कुछ मनचलों की धुनाई कर दी थी। इसके बाद लड़कों ने अपने अभिभावकों के साथ मिलकर लड़कियों को लाठी डंडे से पीटा था। घटना में लगभग तीन दर्जन छात्राएं घायल हुई थीं। मामले को लेकर वार्डन रीमा राज के बयान पर 9 नामजद और लगभग एक दर्जन अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

