
छत्तीसगढ़ में नए पुलिस महानिदेशक दुर्गेश माधव अवस्थी ने 24 जिलों में क्राइम ब्रांच और सभी स्पेशल टीमों को भंग कर दिया है| स्वतंत्र ईकाई रूप में काम करने वाली इन दोनों शाखाओं को भंग करने का आदेश शुक्रवार को डीजीपी डीएम अवस्थी ने जारी किया| क्राइम ब्रांच और एसआईयू में काम कर रहे कुछ कर्मियों की सेवाएं जिलों में लौटा दी गई हैं, कुछ को लाइन में भेज दिया गया है|
डीजीपी अवस्थी ने एक आदेश जारी कर रेंज के पांच जिलो रायपुर, धमतरी, गरियाबंद, बलौदाबाजार और महासमुंद जिले में इन यूनिटों में पदस्थ करीब डेढ़ सौ से अधिक अधिकारी, कर्मचारियों को अपने-अपने मूल पदस्थापना स्थल पर लौटकर आमद देने को कहा है| डीजीपी के इस फैसले के बाद रायपुर के अलावा बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर रेंज के आईजी ने इसका आदेश जारी कर दिया| डीजीपी अवस्थी की ओर से पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि राज्य में मजबूत और विश्वसनीय पुलिस की प्रतिबंद्वता के तहत सभी जिलों में संचालित क्राइम ब्रांच व आर्थिक अपराध से संबंधित विशेष अनुसंधान सेल को तत्काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है|
टीम में बढ़ रहा था भ्रष्टाचार और वसूली
छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक डीजीपी अवस्थी ने पदभार संभालने के बाद मीडिया से पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में ही जिलों में स्थापित क्राइम ब्रांच, स्पेशल जांच टीम को भ्रष्टाचार और वसूली का अड्डा बताते हुए इसे भंग करने का संकेत दे दिया था| अपराध नियंत्रण के लिए इसका गठन जिले में किया जाता था| टीम में 70 से 80 कर्मी होते थे| क्राइम ब्रांच के लिए शासन स्तर पर कोई अलग से नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया था| रेंज के आईजी और पुलिस अधीक्षक सुविधानुसार टीम बनाते थे| थानों से कर्मी चुनकर अटैच किए जाते थे| इसके अलावा कई जगह क्राइम ब्रांच ने वसूली शुरू कर दी थी| झूठे आरोप में फंसाकर जेल भेजने की धमकी भी दी जाती थी| अफसर ट्रांसफर होने पर साथ में चहेतों को भी ले जाते थे और क्राइम ब्रांच में पदस्थ करते थे जो एजेंट के रूप में काम काम करते थे|
थानों में जमीन से जुड़े विवादों की शिकायतें सालों जांच के नाम पर लटकी रहती थीं| इस वजह से एसआईयू का गठन किया गया था लेकिन एसआईयू में जमीन के खास मामलों में जांच के बदले सेटलमेंट किए जाने की शिकायतें लगातार सामने आ रहीं थीं| एसआईयू में मामला आते ही सैटलमेंट करने के लिए मजबूर किया जाता था| कई शिकायतों में लोगों ने परिवार के सदस्यों को भी परेशान करने और ब्लैकमेल करने की बात कही| सौदेबाजी करने पर ही छोड़ा जाता था|
इस मसले पर डीएम अवस्थी ने 24 घंटे के अंदर सभी आईजी और एसपी को कंप्लायंस रिपोर्ट देने को कहा है| अब सभी मामलों की जांच थाने के स्तर पर ही करवाई जाएगी| इसके लिए जरूरी पड़ने पर थानों में ही अलग-अलग विंग बनाकर उनके स्तर पर काम का बंटवारा किया जाएगा|
