कहते हैं कि भारत का संविधान दुनिया के सभी संविधानों को बारीकी से परखने के बाद बनाया गया, इसे विश्व का सबसे बड़ा संविधान माना जाता है, जिसमें 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 94 संशोधन शामिल हैं। देश में हर साल 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ मनाया जाता है। इस दिन डॉ. भीमराव अंबेडकर को याद किया जाता है। उन्होंने भारतीय संविधान के रूप में दुनिया का सबसे बड़ा संविधान तैयार किया है। कहते हैं कि यह दुनिया के सभी संविधानों को बारीकी से परखने के बाद बनाया गया। इसे विश्व का सबसे बड़ा संविधान माना जाता है, जिसमें 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 94 संशोधन शामिल हैं। यह हस्तलिखित संविधान है जिसमें 48 आर्टिकल हैं। इसे तैयार करने में 2 साल 11 महीने और 17 दिन का समय लग गया था|
26 नवंबर 1950 को लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया
26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा की तरफ से इसे अपनाया गया था। इसके बाद 26 नवंबर 1950 को इसे लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया था। यही वजह है कि 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। बता दें कि 29 अगस्त 1947 को भारत के संविधान का मसौदा तैयार करनेवाली समिति की स्थापना की गई थी और इसके अध्यक्ष के तौर पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की नियुक्ति हुई थी।
इसमें किसी तरह की टाइपिंग या प्रिंट का इस्तेमाल नहीं किया गया
संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति हिंदी और अंग्रेजी दोनों में ही हस्तलिखित और कॉलीग्राफ्ड थी। इसमें किसी भी तरह की टाइपिंग या प्रिंट का इस्तेमाल नहीं किया गया था। संविधान सभा के 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे फिर दो दिन बाद इसे लागू किया गया था। भारत के लोग अपना संविधान शुरू करने के बाद अपना इतिहास, स्वतंत्रता, स्वतंत्रता और शांति का जश्न मनाते है।
संविधान निर्माण की 69वीं वर्षगांठ पर पूरे देश में कार्यक्रम होंगे
खबर है कि देश के संविधान निर्माण की 69वीं वर्षगांठ पर पूरे देश में कार्यक्रम होंगे। 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाते हुए सभी सरकारी कार्यालयों और शिक्षण संस्थाओं में संविधान के प्रति जागरूकता के लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। खुद यूजीसी ने भी देश के सभी विश्वविद्यालयों को आदेश दिया कि वह 26 नवंबर को ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाएं।

