शुक्रवार सुबह ओडिशा के तट से टकराने के बाद चक्रवाती तूफान फनि आज पश्चिम बंगाल से होकर गुजरा। सुबह तूफान खरगपुर को पार कर दीघा पहुंंचा।हालांकि तूफान के कमजोर पड़ने के चलते पश्चिम बंगाल में इसका कोई खास असर नहीं देखा गया। चक्रवाती तूफान अब पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश की ओर बढ़ रहा है। अब यह 60 से 70 किमी/घंटा की रफ्तार से बांग्लादेश की ओर बढ़ रहा है।
1999 में आए सुपर साइक्लोन के बाद सबसे खतरनाक तूफान माना जा रहा है। शुक्रवार सुबह ओडिशा के पुरी तट से टकराने के बाद चार जिलों में सबसे ज्यादा क्षतिग्रस्त हुआ। ओडिशा में 10 लोगों की मौत हुई, वहीं 160 से ज्यादा जख्मी हुए। फैनी तूफान से पहले तैयारियों को लेकर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने भारत सरकार की तारीफ की।
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यूएन की एजेंसी (ओडीआरआर) के प्रवक्ता डेनिस मैक्लीन ने कहा कि सरकार की जीरो कैजुएलिटी पॉलिसी और भारतीय मौसम विभाग की सटीक भविष्यवाणी की बदौलत समय रहते 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया और तूफान से मौतों की संख्या कम रही। भारत ने 2013 में आए तूफान के बाद पॉलिसी पर काम शुरू किया था।
गृह मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक, ओडिशा के चार जिले कटक, खुर्दा, भुवनेश्वर और पुरी में सबसे ज्यादा नुक्सान हुआ है। शुक्रवार को पुरी तट पर तूफानी हवाओं की रफ्तार 175 किमी/घंटे थी। कुछ स्थानों पर यह 200 किमी/घंटे तक पहुंची। इससे कई मकानों काे नुकसान पहुंचा। हजारों पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए। निचली बस्तियों में पानी भर गया। पड़ोसी देश बांग्लादेश में फैनी के चलते अलर्ट जारी किया गया। यहां 25 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। अब तक 4 लाख लोगों को निचले इलाकों से निकाला जा चुका है। इससे पहले चुनाव आयोग ने आंध्रप्रदेश के चार जिलों- पूर्व गोदावरी, विशाखापट्टनम, विजयनगरम और श्रीकाकुलम से आचार संहिता हटा ली। यह फैसला राहत कार्यों में आने वाली संभावित अड़चनों की वजह से किया गया।
चक्रवाती तूफान फनि के वजह से खतरा बढ़ते देख ओडिशा सरकार ने इमरजेंसी नंबर भी जारी किया। ओडिशा- 06742534177, गृह मंत्रालय- 1938, सिक्युरिटी- 182 है। तटरक्षक बल ने फैनी को देखते हुए 34 राहत दलों और चार तटरक्षक पोतों को राहत कार्य के लिए तैनात किया। नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने बताया कि नौसेना के पोत सहयाद्री, रणवीर और कदमत को राहत सामग्री और चिकित्सा दलों के साथ भेजा है। एनडीआरएफ की 28, ओडिशा डिजास्टर मैनेजमेंट रैपिड एक्शन फोर्स की 20 यूनिट और फायर सेफ्टी डिपार्टमेंट के 525 लोग रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की 302 रैपिड रिस्पॉन्स टीम तैनात की गईं। राहत शिविरों में भोजन की व्यवस्था करने के लिए 5000 किचन बनाए गए।
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ज्वाइंट टाईफून वॉर्निंग सेंटर (जेडब्ल्यूटीसी) के मुताबिक, फैनी तूफान बीते 20 सालों में अब तक का सबसे खतरनाक चक्रवात है। ओडिशा में 1999 में आए सुपर साइक्लोन से करीब 10 हजार लोग मारे गए थे। भारतीय मौसम विभाग सूत्रों के मुताबिक पिछले 43 सालों में यह पहली बार है जब अप्रैल में भारत के आसपास मौजूद समुद्री क्षेत्र में ऐसा कोई चक्रवाती तूफान उठा। क्षेत्रीय मौसम विभाग के पूर्व निदेशक शरत साहू के मुताबिक- ओडिशा में 1893, 1914, 1917, 1982 और 1989 की गर्मियों में भी तूफान आए थे।
चक्रवाती तूफान फनि दौरान ओडिशा के तटीय जिलों में रेल, सड़क और हवाई यातायात पूरी तरह से बंद कर दिया गया। गुरुवार मध्यरात्रि से बीजू पटनायक इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सभी उड़ानें 24 घंटे के लिए रोक दी गई। कोलकाता एयरपोर्ट भी शुक्रवार रात से शनिवार सुबह तक बंद रहा।