
ओडिशा के गजपति जिले में तितली तूफान के बाद हुई भारी वर्षा के कारण हुये भूस्खलन में कम से कम 12 लोगों के मरने की आशंका है और जबकि चार लोग लापता हैं | यह जानकारी विशेष राहत आयुक्त बी पी सेठी ने शनिवार को दी| उन्होंने बताया कि यह घटना उस समय हुई जब शुक्रवार शाम भारी बारिश के बाद कुछ ग्रामीणों ने एक गुफानुमा जगह में शरण ली थी| सेठी ने बताया, ‘‘गजपति जिले के रायगडा प्रखंड के अन्तर्गत बरघारा गांव में भारी बारिश से हुए भूस्खलन के कारण करीब 12 लोगों के मरने की खबर है”| उन्होंने बताया कि चार लोग लापता हैं और उनके मलबे में दबे होने की आशंका है| उन्होंने बताया कि गजपति जिला के जिलाधिकारी को घटनास्थल पर जाने और स्थिति का जायजा लेकर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया है|
चक्रवाती तूफान तितली के कहर से कई जगहों पर बिजली और संचार सेवा बाधित हुई हैं। तटीय गांवों से सड़क संपर्क टूट गया है।
अधिकारी ने बताया कि दक्षिणी ओडिशा के तीन जिलों, गंजम, गजपति और रायगढ़ा में बाढ़ की स्थिति गंभीर हैं क्योंकि प्रमुख नदियों में जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। चक्रवात के कारण इन जिलों में तीन दिनों में सबसे ज्यादा बारिश हुयी। विशेष राहत आयुक्त बी पी सेठी ने कहा कि बालासोर जिले के लोग भी बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और ओडिशा आपदा रैपिड एक्शन फोर्स (ओडीआरएएफ) को तैनात करने का निर्णय एक उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया जहां मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने चक्रवात के बाद की स्थिति का जायजा लिया।
NDRF की कई टीमें की गई हैं तैनात
बताया जा रहा है कि ओडिशा के बालासोर, संभलपुर, गजापति, नयागढ़, पुरी, जयपुर, केंद्रपारा, भदरक, जगतसिंहपुर, गंजम और भुवनेश्वर में NDRF की 14 टीमें लगाई गई हैं वहीं आंध्रप्रदेश के विशाखापत्तनम, श्रीकाकुलम और विजयनगर में NDRF की 4 टीमें तैनात की गई हैं।
वहीं राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की एक टीम को श्रीकाकुलम में तैनात कर दिया गया है, जबकि विशाखापत्तनम में तीन अन्य टीमों को तैयार रखा गया है।

