केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने हाल ही में डीडी साइंस और इंडिया साइंस नाम के दो चैनलों का उद्धाटन किया है। ये चैनल विज्ञान और प्रौद्योगिकी की खबरें बताएंगे। विज्ञान एवं तकनीक विभाग के तहत आने वाले स्वायत्त संगठन विज्ञान प्रसार और दूरदर्शन के बीच एक समझौते के तहत यह अनोखी पहल हुई है।
यहां देखें डीडी साइंस व इंडिया साइंस चैनल
डीडी साइंस डीडी नेशनल पर सोमवार से शनिवार शाम 5 बजे से 6 बजे आएगा। यह हर दिन घंटे के लिए देखने को मिलेगा। वहीं इंडिया साइंस एक ऑनलाइन चैनल है। यह सभी इंटरनेट-सक्षम उपकरणों पर आसानी से देख जा सकेगा। खास बात तो यह है कि यह लाइव, शेड्यूल प्ले और वीडियो-ऑन-डिमांड साइंस प्रोग्रामिंग देता है।
डीडी साइंस और इंडिया साइंस चैनलों में विज्ञान आधारित वृत्तचित्र, स्टूडियो आधारित चर्चाएं, वैज्ञानिक संस्थानों के वर्चुअल वॉक थ्रू, इंटरव्यू और लघु फिल्में दिखाइ जाएंगी। डाॅक्टर हर्षवर्धन ने कहा 1.3 अरब के आबादी वाले देश में वैज्ञानिक स्वभाव का विकास बहुत जरूरी है। नई पहल भारत के लिए एक राष्ट्रीय विज्ञान चैनल बनाने की दिशा में पहला कदम है।
ये दोनों चैनल लोगों को विज्ञान के लाभों को समझाने में मदद करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने भराेसा दिलाया कि अभी दूरदर्शन पर एक घंटे के साथ शुरूआत हो रही लेकिन आगे इसे दो घंटे बढ़ाया जाएगा। इसके बाद चार घंटे, छह घंटे, 12 घंटे और अंत में यह 24×7 चैनल होगा। एक दिन यह पाॅपुलर होगा और हाई टीआरपी रेटिंग वाला 24×7 चैनल होगा।
विज्ञान संचार से जुड़े दो प्लेटफॉर्म विज्ञान को बढ़ावा देने और इसे रोजमर्रा की जिंदगी के करीब लाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर की गई पहल के रूप में है। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने इन चैनलों की परिकल्पना करने के साथ-साथ इन्हें मूर्तरूप देने में काफी सहयोग प्रदान किया है। इन दोनों चैनलों के जरिये विज्ञान आधारित वृत्तचित्र, स्टूडियो-आधारित परिचर्चाओं एवं वैज्ञानिक संस्थानों के आभासी पूर्वाभ्यास, साक्षात्कार और लघु फिल्मों पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। ये दर्शकों के लिए पूरी तरह से नि:शुल्क होंगे। इनका कार्यान्वयन एवं प्रबंधन विज्ञान प्रसार द्वारा किया जा रहा है, जो डीएसटी का एक स्वायत्त संगठन है।
भारत में विज्ञान संचार के इतिहास में मील का पत्थर माने जाने वाले ये दोनों विज्ञान चैनल देश में एक राष्ट्रीय विज्ञान चैनल का आगाज करने की दिशा में आरंभिक कदम हैं। जहां एक ओर इंडिया साइंस ने पहले से ही चौबीसों घंटे वाली अपनी मौजूदगी दर्ज करा रखी है, वहीं दूसरी ओर डीडी साइंस को भी भविष्य में एक पूर्ण चैनल में तब्दील किया जा सकता है। वर्ष 2030 तक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शीर्ष तीन देशों में शुमार होना होगा और इस तरह की पहल इस दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण प्रयास हैं। दूरदर्शन देश में तीन करोड़ से ज्यादा घरों तक पहुंच चुका है और विज्ञान को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए यह एक प्रभावी माध्यम होगा।

