आज मनुष्य अपनी बुद्धि के बल पर कई नए अविष्कार कर रहा है जो हमारी ज़िन्दगी को नई दिशा दे रहा है| आज टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इतने अविष्कार हो चुके है जिसकी गिनती उँगलियों में नहीं की जा सकती है| आज तकनीक केवल मोबाइल, स्मार्टफोन, टीवी या स्मार्टवाच तक ही सिमित नहीं है बल्कि आज इनकी जगह आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स और ब्लाकचेन ने ली है|
आइए जानते है आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स और ब्लॉकचेन क्या है और यह टेक्नोलॉजी किस तरह डिजिटल दुनिया को बदल रहा है|
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस-
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस या कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंप्यूटर साइंस की एक शाखा है जो ऐसी मशीनों को विकसित कर रही जो मनुष्य की तरह सोच सके और कार्य कर सके| उदाहरण के लिए, स्पीच रिकग्निशन (speech recognition), प्रॉब्लम सोल्विंग (problem solving) तथा लर्निंग और प्लानिग| यह मनुष्यों और जानवरों के द्वारा प्रदर्शित नेचुरल इंटेलिजेंस के विपरीत मशीनों द्वारा प्रदर्शित इंटेलिजेंस है|
जैसे-जैसे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का असर बढ़ रहा है वैसे-वैसे ह्यूमन रिसोर्स के एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले तीन सालों में काफी सेक्टर्स में लगभग एक तिहाई नौकरियां ऑटोमेटेड हो जाएंगी| जिसकी वजह से नौकरियों में कमी आ सकती है| एक वेब शाइन डॉट कॉम पोर्टल द्वारा किए गए सर्वे में इस बात का खुलासा हुआ| जॉब पोर्टल शाइन डॉट कॉम ने मेट्रो सिटीज़ में आईटी, शिक्षा, बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज, बीमा, मैन्युफैक्चरिंग, रिटेल और ऑटो सेक्टर में काम करने वाले एचआर प्रोफेशनल्स के बीच यह सर्वे किया गया|
इस मामले में 45 फीसदी एचआर प्रोफेशनल्स का कहना था कि एक साल के भीतर वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वर्चुअल रियलिटी और हायरिंग टूल्स जैसी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करना शुरू कर देंगे| शाइन के सीईओ जाइरस मास्टर ने कहा कि आगे ऐसे लोगों की मांग काफी बढ़ने वाली है जिनको तकनीक की अच्छी नॉलेज है|
वहीँ, अगर भारत के संदर्भ में देखे तो देश के वित्त मंत्री पियूष गोयल ने 1 फरवरी को अंतरिम बजट पेश किया था जिसमें कहा गया था कि सरकार नेशनल सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस खोलेगी और जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पोर्टल लॉन्च करेगी| उन्होंने कहा था नेशनल आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (AI) पोर्टल जल्द ही डेवेलप किया जाएगा| नया आर्टफिशियल इंटेलिजेंस पोर्टल नेशनल प्रोग्राम ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सपोर्ट में बनाया जाएगा|
इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स-
आज इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स को टेक्नोलॉजी का भविष्य कहा जा रहा है| आज भी आम लोगों में इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स को लेकर कई सवाल उठते है कि यह किस तरह की नेटवर्किंग है| टेक्नोलॉजी ने आज हमारी रोजमर्रा की जिन्दगी को बिलकुल आसान बना दिया है और यह टेक्नोलॉजी भी लोगों की ज़िन्दगी को आसान बना रही है|
इंटरनेट ऑफ थिंग्स के अंतर्गत आपका एक डिवाइज आपके घर, किचन आदि में मौजूद अन्य डिवाइसेज को कमांड देता है| इस तरह से एक डिवाइस को इंटरनेट के साथ लिंक कर के बाकी डिवाइसेज से अपने अनुसार कुछ भी कार्य करवाया जा सकता है|
एस्ट्रम होल्डिंग लिमिटेड के सीईओ मनोज कुमार पंसारी इंडस्ट्री में इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IOT) के भविष्य को लेकर बताते हैं कि टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री का विस्तार हो रहा है और यह स्मार्ट टेक्नोलॉजी में परिवर्तित हो रहा है| इसकी शुरुआत आईओटी और सिक्योरिटी से हुई है| आज के समय में लोगों के लिए सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है| इसे लोगों के लिए आईओटी/सिक्योरिटी डिवाइसेज से आसान किया जा सकता है|
बिजनेस इनसाइडर द्वारा किए गए शोध के मुताबिक वर्ष 2020 तक 24 अरब से अधिक इंटरनेट से जुड़ी डिवाइस दुनिया भर में लग चुकी होंगी| इस संदर्भ को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि धरती पर हर इंसान के लिए चार से अधिक डिवाइस होंगी| इन डिवाइसेस में थिंग्स ऑफ इंटरनेट शामिल है और इसकी उपस्थिति हमारी दुनिया को स्थायी रूप से बदल रही है|
ब्लॉकचेन
सूचना तकनीक की दुनिया में ‘ब्लॉकचेन’ एक ऐसे प्लेटफार्म बनकर तेजी से उभर रहा है जहां खुद का स्टार्टअप और नौकरियों के ढेरों अवसर मौजूद हैं| ब्लॉकचेन एक ऐसी तकनीक है जिसमें क्रेता-विक्रेता के मध्य सीधे तौर पर पैसे का ट्रांसफर किया जाता है| इस ट्रांजेक्शन में किसी भी बिचोलिये की आवश्यकता नहीं होती है| अभी तक दो लोगों के बीच आर्थिक लेन-देन थर्ड पार्टी के माध्यम से ही होता आया है और ये थर्ड पार्टी जैसे बैंक, मनी ट्रान्सफर आदि इस ट्रांजेक्शन के लिए कुछ फीस भी वसूलती हैं जबकि ब्लॉकचेन में थर्ड पार्टी की जरूरत नहीं होती है और यहां आर्थिक लेन-देन पर किसी तरह की फीस नहीं लगती और समय की बचत भी होती है|
2008-09 में बिटक्वाइन द्वारा लॉन्च की गई यह तकनीक बेहद जटिल है| इसे हैक करना मुश्किल माना जाता है| ब्लॉकचेन पर सर्वे करने वाली संस्था इनक्रिप्ट के मुताबिक, भारत में ब्लॉकचेन को लेकर असीम संभावनाएं हैं| भारतीयों ने ब्लॉकचेन में इनवेस्ट करके हाल ही में 50 लाख डॉलर कमाएं हैं| इनक्रिप्ट अपने सर्वे में कहा है कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम को विश्वास है कि 2027 तक विश्व की कुल जीडीपी में 10 फीसदी हिस्सेदारी ब्लॉकचेन की होगी और 2025 तक ब्लॉकचेन की दुनिया 176 बिलियन डॉलर की हो जाएगी और 2030 में बढ़कर यह 3.1 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच जाएगी|