HIGHLIGHTS:
देश से फरार कुछ चर्चित कारोबारी के नाम
- विजय मल्ल्या Rs 9000 करोड़
- नीरव मोदी Rs 13000 करोड़
- ललित मोदी Rs 125 करोड़
- दीपक तलवार Rs 1000 करोड़
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देश में विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे कई उद्योगपति है जो करोड़ो का चुना लगाकर भागे है| 2014 लोकसभा चुनाव के प्रचार में बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर नरेंद्र मोदी ने अपने एक भाषण में कहा था कि वो प्रधानमंत्री नहीं चौकीदार के नाते देश की सेवा करना चाहते हैं| नरेंद्र मोदी ने तब अपने भाषण के दौरान ये कहा था की आप मुझे प्रधानमंत्री मत बनाइए, आप मुझे चौकीदार बनाइए| इसके साथ ही उन्होंने ये भा कहा था कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि आप ऐसा चौकीदार पाओगे कि हिन्दुस्तान की तिजोरी पर कोई पंजा नहीं मार पाएगा|
हाल ही में, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि विजय माल्या और नीरव मोदी सहित 36 बिजनेसमैन हाल के दिनों में देश से भाग चुके हैं| ईडी ने यह बात अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में कथित रूप से गिरफ्तार रक्षा एजेंट सुषेन मोहन गुप्ता की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था|
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सुनवाई के दौरान, ईडी के वकील सम्वेदना वर्मा ने अदालत को बताया कि जांच एक महत्वपूर्ण चरण में है| वकील सम्वेदना वर्मा ने आरोप लगाया कि सुषेन मोहन मामले में गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं और इन्होंने सबूतों को नष्ट करने की भी कोशिश की है| कोर्ट ने सुषेन मोहन की जमानत याचिका पर 20 अप्रैल के लिए फैसला सुरक्षित कर लिया है|
बता दें कि मोहन गुप्ता को एजेंसी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था|
आर्थिक घोटालों पर क्या कहती है रिपोर्ट
‘राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो’ (एनसीआरबी) के मुताबिक आर्थिक घोटाला या अपराध करने वाले लोग कमजोर कानून और लंबी न्यायिक प्रक्रिया के कारण बार-बार बच रहे हैं| 2016 में ऐसे मामलों में मात्र 5 गिरफ्तारियां हुईं थी जबकि पूरे साल आर्थिक अपराध से जुड़े 1, 43,524 मामले दर्ज हुए| इनमें 920 तो ऐसे मामले हैं जिनमें आर्थिक अपराध का केस एक करोड़ के आसपास का था| इनमें सबसे अधिक 111 मामले राजधानी दिल्ली में आए|
इससे यह बात सामने निकल कर आई कि न सिर्फ इसके केस लगातार बढ़े हैं बल्कि कानूनी पेचीदगी के कारण न्याय और सजा के स्तर तक मामला पहुंचने में लंबा वक्त लगता है|
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आंकड़े के अनुसार ऐसे 4, 95,522 केस कोर्ट में लंबित हैं जिनमें मात्र 3683 का फैसला हो पाया| संसद की एक समिति ने भी सरकार से आर्थिक अपराध से जुड़े मौजूदा कानून में बड़े पैमाने पर बदलाव करने के लिए पहल करने को कहा था| समिति का कहना था कि इससे जुड़े कई कानून पुराने हो चुके हैं|
आपको बता दें देश से फरार भगोड़ों को वापस लाने के लिए मोदी सरकार ने पिछले साल ‘भगोड़ा आर्थिक अपराधी विधेयक-2018 को मंजूरी दी थी| इस विधेयक के अंतर्गत वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बताया था कि इस क़ानून के तहत 100 करोड़ रुपए या उससे अधिक की धोखाधड़ी करने वाले भगोड़ों को रखा गया है|