
वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान देश के विदेशी मुद्रा भंडार में करीब 62 अरब डॉलर की बढ़ोत्तरी देखने को मिली।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार एक मई को समाप्त सप्ताह में 16.22 लाख डॉलर बढ़कर 481.078 अरब डॉलर हो गया। इस वृद्धि का कारण विदेशीमुद्रा आस्तियों का बढ़ना है। इससे पिछले सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार 11.3 करोड़ डॉलर घटकर 479.455 अरब डॉलर रह गया था।
इससे पहले छह मार्च को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 5.69 अरब डॉलर बढ़कर 487.23 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पर पहुंच गया था। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 62 अरब डॉलर बढ़ा है।
भारतीय रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों के अनुसार एक मई, 2020 को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (जो विदेशी मुद्रा का सबसे बड़ा हिस्सा हैं) 1.752 अरब डॉलर बढ़कर 443.316 अरब डॉलर तक पहुंच गईं। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान स्वर्ण आरक्षित भंडार 62.3 करोड़ डॉलर घटकर 32.277 अरब डॉलर रह गया। वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के पास भारत का विशेष आहरण अधिकार 50 लाख डॉलर बढ़कर 1.426 अरब डॉलर हो गया। आईएमएफ में देश की आरक्षिति स्थिति में भी 48.9 करोड़ डॉलर की वृद्धि से यह 4.059 अरब डॉलर तक पहुंच गई।
आलोच्य सप्ताह में मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी की वजह विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति में वृद्धि है | | विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति को डॉलर में बताया जाता है | इसमें अमेरिकी मुद्रा को छोड़कर विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गये यूरो, पौंड और येन जैसी मुद्राओं में मूल्य ह्रास या मूल्य वृद्धि के प्रभाव को शामिल किया जाता है |
