
भारत के पूर्व रक्षा मंत्री और दिग्गज समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस का मंगलवार सुबह निधन हो गया| लंबे समय से बीमार चल रहे जॉर्ज फर्नांडिस ने अपने सरकारी आवास में अंतिम साँसे ली| वह 88 वर्ष के थे| फर्नांडिस अल्जाइमर बीमारी से पीड़ित थे| तीन जून 1930 को कर्नाटक में जन्मे जॉर्ज फर्नांडिस ने अपने सियासी सफर की शुरुआत ट्रेड यूनियन नेता के रूप में की और बाद में वह देश के रक्षा मंत्री बने|
जॉर्ज फर्नांडीज का सियासी सफ़र
फर्नांडीस का जन्म 3 जून 1930 को मैंगलोर में हुआ था| वे अटल सरकार में अक्टूबर 2001 से मई 2004 तक रक्षामंत्री रहे| आखिरी बार वह अगस्त 2009 से जुलाई 2010 तक राज्यसभा के सांसद रहे थे| फर्नांडीज सबसे पहले साल 1967 में लोकसभा सांसद चुने गए थे| वर्ष 1974 की रेल हड़ताल के बाद वह कद्दावर नेता के तौर पर उभरे| रक्षामंत्री के अलावा उन्होंने कम्यूनिकेश, इंडस्ट्री और रेलवे मंत्रालयों की भी कमान संभाली है| हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, मराठी, कन्नड़, उर्दू, मलयाली, तेलुगु, कोंकणी और लैटिन के जानकार जॉर्ज फर्नांडिस की छवि एक ऐसे विद्रोही नेता की थी जो अपनी धुन का पक्का था| उनका पूरा जीवन विवादों से भरा रहा| वह समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया के काफी नजदीक थे| उन्होंने सोशलिस्ट आंदोलन को पूरे महाराष्ट्र में मजबूत किया| संसद में वह बड़े नेता के रूप में सामने आए और जनता के सवालों को उठाया और उन्होंने बेबाकी के साथ इमरजेंसी लगाए जाने का विरोध किया|
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इमर्जेंसी खत्म होने के बाद फर्नांडिस ने 1977 का लोकसभा चुनाव जेल में रहते हुए ही मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से लड़े और रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की| जनता पार्टी की सरकार में वो उद्योग मंत्री बनाए गए थे| बाद में जनता पार्टी टूटी, फर्नांडिस ने अपनी पार्टी समता पार्टी बनाई और बीजेपी का समर्थन किया आपातकाल लगने के बाद वर्ष 1975 में फर्नांडिस भूमिगत हो गए| गिरफ्तारी से बचने के लिए जॉर्ज फर्नांडिस को पगड़ी पहन और दाढ़ी रख कर सिख का भेष धारण किया था जबकि गिरफ्तारी के बाद तिहाड़ जेल में कैदियों को गीता के श्लोक सुनाते थे| उन्होंने बेबाकी के साथ इमर्जेंसी लगाए जाने का विरोध किया था| वह मशहूर लेखक के नाम पर खुद को खुशवंत सिंह कहा करते थे|
जॉर्ज फर्नांडिस के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए कहा, ‘जॉर्ज साहब ने भारत के राजनीतिक नेतृत्व का सर्वश्रेष्ठ प्रतिनिधित्व किया| वे स्पष्टवादी और निडर, बेबाक और दूरदर्शी थे, उन्होंने हमारे देश के लिए अहम योगदान दिया है| वह गरीबों और हाशिए पर रहे लोगों के अधिकारों के लिए सबसे प्रभावी आवाज़ों में से एक थे| उनके निधन की खबर सुनकर दुख हुआ|
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कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने भी फर्नांडीज के निधन पर शोक जाहिर कर उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना व्यक्त की| गांधी ने फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस जी के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ. दुख की इस घड़ी में उनके परिवार और मित्रों के प्रति मेरी संवेदना है|’
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके निधन पर कहा, ‘पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीज के निधन पर हार्दिक संवेदना| मेरे विचार और प्रार्थना उनके परिवार के साथ है| भगवान उनकी आत्मा को शांति दें|’
जॉर्ज फर्नांडिस को श्रद्धांजलि देने के बाद जदयू कार्यालय बंद कर दिया गया है और राज्य में दो दिनों का राजकीय शोक घोषित किया गया है|