
59 वर्षीय क्लूनी ने कहा, यह हमारे लिए महामारी है | हम सब उससे संक्रमित हैं और 400 वर्षों के बाद भी हम उसका टीका नहीं खोज पाए हैं | ऐसा लगता है कि हमने इसके समाधान की तलाश भी बंद कर दी है |
मिनियेपोलिस में अफ्रीकी-अमेरिकी अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत को लेकर हो रहे प्रदर्शन के संदर्भ में हॉलीवुड सुपरस्टार जॉर्ज क्लूनी ने एक लेख लिखा है | रेस्तरां में काम करने वाले अफ्रीकी-अमेरिकी समुदाय के 46 वर्षीय फ्लॉयड की मिनियापोलिस में सोमवार को उस वक्त मौत हो गई थी जब एक श्वेत पुलिस कर्मी ने उसे जमीन पर गिरा कर अपने घुटनों से उसकी गर्दन दबाए रखा था | वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि पुलिस कर्मी ने फ्लॉयड की गर्दन घुटने से दबा रखा है और फ्लॉयड को सांस लेने में तकलीफ हो रही है |
हॉलीवुड स्टार जॉर्ज क्लूनी ने जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद सिस्टेमिक रेसिज्म (नस्लवाद) पर एक लेख लिखा है और कहा कि नस्लवाद अमेरिका की सबसे बड़ी महामारी है, जिसका वैक्सीन 400 साल बाद भी नहीं बन पाया है।
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ईटीऑनलाइन डॉट कॉम के मुताबिक, डेली बीस्ट में प्रकाशित लेख में क्लूनी ने नस्लवाद की समस्या से निपटने के लिए प्रणालीगत बदलाव का आह्वान किया है।
- उन्होंने लिखा, हम कितनी बार अश्वेत लोगों को पुलिस के हाथों मरते देखेंगे?
- क्लूनी ने कहा कि हम आशा करते हैं और दुआ करते हैं कि कोई भी नहीं मारा जाए।
- क्लूनी का मानना है कि मूलभूत बदलाव की जरूरत है।
क्लूनी ने कहा, हमने इंसानों की खरीद-फरोख्त बंद कर दी है लेकिन केवल यही सम्मान का तमगा नहीं है | हमें अपने कानून प्रवर्तन और हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली में बदलाव की आवश्यकता है | अभिनेता ने कहा कि फ्लॉयड की मौत 2014 में हुई एरिक गार्नर की हत्या की याद दिलाती है | उन दोनों ने पुलिस से अनुरोध किया था कि वे सांस नहीं ले पा रहे हैं | उन्होंने कहा, हम पुलिस द्वारा नस्लभेद के कारण टैमिर राइस, फिलैंदो कैस्टिले, लाक्वान मैकडोनाल्ड जैसे कितनों को मरता देखेंगे? इसमें कोई संदेह नहीं है कि जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या की गई है |
हमने उसे चार पुलिस अधिकारियों के हाथों मरते देखा है | क्लूनी ने कहा, 1968, 1992 और 2014 की तरह ही अब हम समाज के एक हिस्से के प्रति प्रशासन के क्रूर रवैये के खिलाफ आ रही प्रतिक्रिया देख रहे हैं | हम नहीं जानते कि विरोध प्रदर्शनों का यह सिलसिला कब थमेगा |हम आशा और प्रार्थना करते हैं कि अब किसी और की जान ना जाए| लेकिन हम यह भी जानते हैं कि इसमें बहुत कम बदलाव आएगा |’’ क्लूनी ने आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बदलाव के लिए अमेरिकियों से आग्रह करते हुए अपने लेख का समापन किया |
