
वरिष्ठ अधिवक्ता के.आर कोश्ती ने याचिका में दावा किया कि राज्य सरकार गुजरात में प्रवासी आबादी के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने में विफल रही और हिंसा को रोकने के लिए कार्रवाई नहीं की| वहीँ, हमलों के चलते दो लाख से अधिक प्रवासी मजदूर गुजरात छोड़कर जा चुके हैं|
गुजरात में प्रावासी मजदूरों पर हो रहे हमलें और राज्य छोड़कर चले जाने की कथित धमकियों के चलते वरिष्ठ अधिवक्ता के.आर कोश्ती ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी| इस याचिका पर गुजरात हाई कोर्ट बीते गुरुवार राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह हलफनामा दायर कर बताए कि उसने प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए हैं| मुख्य न्यायाधीश आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति वी.एम पंचोली की पीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया|
अल्पेश ठाकोर ने शांति और सौहार्द के लिए एक दिन का उपवास रखा
इस बीच हिंदी भाषियों के खिलाफ हिंसा को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे गुजरात के कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर ने शांति और सौहार्द को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गुरुवार को एक दिन का उपवास रखा। अल्पेश ने दावा किया नफरत फैलाने में वह कभी भी संलिप्त नहीं रहे हैं।
वहीँ, दिल्ली पूर्वांचल कांग्रेस ने भी गुरुवार को गुजरात भवन के समक्ष प्रदर्शन किया। इस दौरान गुजरात में गैर गुजरातियों पर किए जा रहे हमलों का मुद्दा उठाया गया| इसके साथ ही पूर्व सांसद महाबल मिश्रा ने इसके लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान में देश के नागरिकों को यह मौलिक अधिकार दिया गया है कि वे देश में कहीं भी जाकर काम कर सकते हैं लेकिन भाजपा ने लोगों को जाति, धर्म और क्षेत्र के नाम पर बांटने का काम किया है।
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गुजरात सीएम के खिलाफ मुकदमा दर्ज
गुजरात में बिहारियों पर हो रहे अत्यायचार और वहां से भगाने के आरोप में मुख्यमंत्री विजय रुपाणी एवं स्थानीय विधायक व बिहार कांग्रेस के सह प्रभारी अल्पेश ठाकोर के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया गया है। मुजफ्फरपुर के सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम) सह सबजज (प्रथम) गौरव कमल के कोर्ट में दाखिल किया है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए दो नवंबर की तारीख तय की है।
तमन्ना हाशमी ने कहा कि 9 अक्टूबर को विभिन्न टीवी चैनलों पर यह खबर प्रसारित की जा रही थी कि बिहार के लोगों के साथ बुरा बर्ताव किया जा रहा तथा उन्हें जबरन गुजरात से भगाया जा रहा है। बिहारी होने के नाते इस खबर से वे आहत हुए हैं। अल्पेश ठाकोर पर इसका आरोप लगाते हुए उन्होंने परिवाद पत्र में लिखा है कि देश तोडऩे के इस प्रयास में वहां के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने साथ देने का काम किया है।
यह है मामला
पिछले सप्ताह गुजरात के साबरकांठा में 14 माह की एक बच्ची से दुष्कर्म के आरोप में बिहार के युवक की गिरफ्तारी की गई है। जिसके बाद वहां गैर-गुजरातियों, खासकर बिहार व उत्तकर प्रदेश के लोगों पर हमले हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार के लोग बड़ी संख्यास में गुजरात से पलायन कर रहे हैं।
गुजरात में अन्य प्रांतों से आए करीब 80 लाख मजदूर हैं जो हीरा, कपडा, टाइल्स, केमिकल, ऑटो,फार्मा व लघु व मध्यम मेन्युफेक्चरिंग यूनिटों में काम करते हैं। सूरत में करीब 20 लाख, अहमदाबाद में 17 लाख, मोरबी में 3 लाख, मेहसाणा में दो लाख से अधिक श्रमिक कार्यरत हैं। इनके पलायन से वहां की अर्थव्येवस्थां पर भी असर पड़ा है। गुजरात औद्योगिक विकास निगम चांगोदर के अध्यक्ष राजेंद्रशाह बताते हैं कि उनके क्लस्टर में हमले के भय से 10 से 40 प्रतिशत श्रमिक काम छोडकर चले गए हैं जिससे कई फैक्ट्रियों के काम बंद हो गए हैं।

