आईसीएसई और आईएससी बोर्ड के दसवीं और बारहवीं के छात्रों के नतीजे घोषित हो गए हैं। परीक्षाओं के नतीजे 10 जुलाई दोपहर तीन बजे घोषित किए गए थे। इस साल आईसीएसई और आईएससी के दसवीं बारहवीं के नतीजों में बढ़ोतरी देखी गई है। इस साल दसवीं के 99.34 प्रतिशत छात्रों ने परीक्षा पास की है जो कि पिछले साल 98.54 प्रतिशत थी। पिछले साल बारहवीं के 96.52 प्रतिशत छात्रों ने परीक्षा पास की थी जो कि बढ़कर इस साल 96.84 प्रतिशत हो गई है।
दसवीं के 2,07,902 छात्रों में से 1,377 छात्र इस साल परीक्षा पास करने में असफल रहे वहीं बारहवीं के 88,409 छात्रों में से 2,798 छात्र असफल रहे।
इस साल आईसीएसई और आईएससी की परीक्षाओं में लड़कों की संख्या लड़कियों के मुकाबले ज्यादा देखी गई। देखा गया है कि दसवीं की परीक्षा में उपस्थित 54.19 प्रतिशत छात्र लड़के थे एवम् 45.18 प्रतिशत लड़कियां थी। बारहवीं में भी 53.65 प्रतिशत छात्र लड़के थे, जबकि लड़कियों की संख्या केवल 46.35 प्रतिशत देखी गई हैं।
मेरिट लिस्ट नहीं हुई जारी
बोर्ड के सचिव गेरी एरॉथन ने बताया कि इस साल बोर्ड की तरफ से कोई भी मेरिट लिस्ट जारी नहीं की जाएगी। दरअसल, बोर्ड ने परीक्षा में पास हुए स्टूडेंट्स की संख्या तो बताई, लेकिन इस साल मेरिट लिस्ट यानी टॉपर्स के नाम जारी नहीं किए। कोरोना महामारी के कारण बनी असामान्य स्थिति को देखते हुए बोर्ड ने यह फैसला किया है।
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रीचैकिंग के लिए अप्लाय
जो छात्र अपने नतीजे से निराश हैं वह अपनी उत्तर पत्रिका को पुनरावेक्षण के लिए दे सकता है। पुनरावेक्षण की क्रिया के लिए छात्र 16 जुलाई तक “cisce.org.” साइट के द्वारा ऑनलाइन आवेदन करने होगा। साथ ही पुनरावेक्षण के लिए रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में 1000 रुपए भी जमा करने होंगे।
रिजल्ट के पेज पर ही स्टूडेंट्स रीचैकिंग का ऑप्शन सिलेक्ट कर इसके लिए अप्लाय कर सकते हैं। पुनरावेक्षण कि क्रिया केवल उन्हीं परीक्षाओं के लिए है जिनके लिखित रूप से एग्जाम दिए गए थे। यदि पुनरावेक्षण कि क्रिया के बाद भी कोई छात्र अपने अंकों सेसंतुष्ट नहीं है तो वह अपनी परीक्षा दुबारा भी लिख सकता है।
वैकल्पिक परीक्षा दे सकेंगे स्टूडेंट्स
CISCE बोर्ड के पास प्रतिशत की बात करें तो ICSE यानी 10वीं के छात्रों के लिए 33 फीसदी और ISC यानी 12वीं के छात्रों के लिए परीक्षाओं के लिए 35 फीसदी तय हैं। यदि छात्र उससे कम अंक लाते हैं तो वह असफल माने जाते हैं। इस साल जिन विषयों की परीक्षाएं नहीं हुई हैं, उनके अंक आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर दिए गए हैं ।
साथ ही बोर्ड ने स्टूडेंट्स को यह भी सुविधा दी है कि अगर स्टूडेंट अपने रिजल्ट से संतुष्ट नहीं हैं, तो वह बाद में परीक्षा में फिर से शामिल हो सकता है। हालांकि, अभी इन परीक्षाओं की तारीखों की घोषणा नहीं की गई है।
