
पूर्व क्रिकेटर और ‘तहरीक-ए-इन्साफ’ पार्टी के नेता इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन गए है| उन्होंने शनिवार को पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लीं|
इमरान खान के शपथ ग्रहण के मौके पर उनकी पत्नी बुशरा मेनका मौजूद थी, साथ ही भारत के पूर्व क्रिकेटर और राजनेता नवजोत सिंह सिद्धू भी मौजूद थे|
इस बीच इमरान की पार्टी ‘तहरीक-ए-इन्साफ’ ने ट्वीट कर लिखा कि हमने बहुत समय से इस वक्त का इंतजार किया है|
25 जुलाई को हुए चुनाव में ‘तहरीक-ए-इन्साफ’ ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग को करारी मात दी थी, हालाँकि अपने दम पर सरकार बनाने में यह कुछ सीटों से चुक गई थी| निचले सदन में हुई इस चुनाव प्रक्रिया में ‘तहरीक-ए-इन्साफ’ 176 वोट मिले थे जबकि उनके प्रतिद्वंदी ‘पीएमएल-एन’ के प्रमुख शाहबाज शरीफ को 96 वोट मिले|
इमरान खान के वादे
तहरीक-ए-इन्साफ के नेता इमरान खान ने चुनावी जीत हासिल करने के बाद प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि 22 साल की लड़ाई के बाद मुझे उस मुकाम पर पहुंचाया है|
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को लूटने वालों के खिलाफ कारवाई करना मेरा पहला काम होगा| अपने वतन से वादा करता हूं कि हम वह तब्दीली लाएंगे जिसके लिए यह मुल्क लंबे समय से कोशिश करता रहा है| हमें इस देश में सख्त जवाबदेही कायम करनी है| पाकिस्तान को लूटने वालों के खिलाफ कार्रवाई करूंगा। जिस काले धन को सफेद किया गया, मैं उसे वापस लाऊंगा| जो पैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और पानी पर खर्च होने चाहिए थे, वे लोगों की जेब में चले गए|
इसके आगे उन्होंने कहा कि वे एक ऐसी चुनाव प्रणाली लाएंगे जिससे कोई भी व्यक्ति भविष्य में खामिया तलाश नहीं कर पाएगा| इमरान ने कहा कि उनके हीरो जिन्ना (पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली) है|
पाकिस्तान के ये 8 अहम् मुद्दे
- कमज़ोर अर्थव्यवस्था – पाकिस्तान में धीमी अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी चुनौती है| जीडीपी ग्रोथ दर सबसे कम है वहीँ, पाकिस्तान रूपया भी गिरावट के दौर में है|
- कट्टरपंथ और आतंकवाद – विश्व में पाकिस्तान की सकरात्मक छवी बनाने के लिए और निवेश बढाने के लिए ज़रूरी है कि कट्टरपंथ और आतंकवाद पर लगाम लगाई जाए|
- बेरोज़गारी – पाकिस्तान में ऐसे नौजवान की तादाद ज्यादा है जो रोजगार के अभाव में आतंकवाद और कट्टरपंथ की ओर प्रभावित हुए है, ऐसे में यह ज़रूरी है कि देश में रोजगार का सृजन जल्द से जल्द हो|
- ब्रांड पाकिस्तान – आतंकवाद के कारण पाकिस्तान की छवि के हर मोर्चे पर बड़ी कीमत उठानी पड़ी है| ऐसे में इमरान खान को तत्काल ‘ब्रांड पाकिस्तान’ को नए और सकारात्मक रूप में पेश करने के लिए कदम उठाने होंगे|
- भ्रष्टाचार – भ्रष्टाचार पाकिस्तान का बड़ा मुद्दा है| इसे लेकर देश में असंतोष का माहौल बना हुआ है| ज्ञात हो कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को इस मामले में जेल की सजा सुनाई गई है|
- सीज़ फायर – संघर्ष विराम (सीज़ फायर) को लेकर पाकिस्तान से आए दिन ख़बरें आती है| इसमें दोनों तरफ के सैनिकों की जाने जाती है और नागरिक भी इसका शिकार होते है| ऐसे में इमरान खान को संघर्ष विराम का कड़ाई से पालन करने की ज़रूरत है|
- आईएसआई – पाकिस्तान की राजनीती में आईएसआई का दखल बड़ा मुद्दा बन चूका है| खासकर पड़ोसी देशों के साथ पाकिस्तान का संबंध भी इससे प्रभावित हो रहा है|
- विश्व निति – पिछले दिनों अमेरिका ने पाकिस्तान की आर्थिक सहायता रोक दी थी| अब इमरान खान के सामने अमेरिका और चीन के साथ संबंधों में समन्वय बनाना भी बड़ी चुनौती है|

