
द कारवां ने एक बड़े खुलासे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। जिसमे 2009 में कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाने की एवज में बीएस येदियुरप्पा ने बीजेपी के राष्ट्रीय नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी व अरुण जेटली को करोड़ों रुपये देने की बात कही गई है। कुल रकम 1800 करोड़ रुपये है। ‘द कारवां में ‘ छपे “द येड्डी डायरीज़” नामक लेख के मुताबिक इनकम टैक्स विभाग के पास येदुरप्पा की डायरी का पन्ना है जिसमे येदुरप्पा ने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं को दी गयी रकम लिखी है। नितिन गडकरी के पुत्र के विवाह में 10 करोड़ और बीजेपी की राष्ट्रीय समिति को 1000 करोड़ देने के अलावा इसमें जजों को भी 250 करोड़ दिए जाने का लेखा जोखा लिखा गया है।
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पत्रिका के अनुसार, एक कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री की डायरी में बीएस येदियुरप्पा द्वारा दर्ज की गई प्रविष्टियों में भाजपा केंद्रीय समिति को 1,000 करोड़, केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और नितिन गडकरी को 150 करोड़ रुपये प्रत्येक, राजनाथ सिंह को 100 करोड़, पार्टी के दिग्गज नेताओं लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को 50-50 करोड़ व गडकरी के बेटे की शादी में 10 करोड़ रुपये दिए जाने की बात लिखी गई है। इन प्रविष्टि में तमाम अधिवक्ताओं के नाम भी हैं।
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा पर आज कांग्रेस ने हमला बोलते हुए आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को लपेटे में लेते हुए पत्रिका में छपी रिपोर्ट की जांच की मांग की है।
“द येड्डी डायरीज़” नामक लेख, व प्राप्त दस्तावेज़ों का दावा है कि यह डायरी 2017 तक आयकर विभाग के कब्जे में रही हैं। रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि उस समय एक कैबिनेट मंत्री, जिसका नाम उस डायरी में बकौल लाभार्थी दर्ज है, आयकर अधिकारी को कार्यवाही रोकने की सलाह दी थी।
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कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “प्रथम दृष्टया, यह सभी भाजपा नेताओं की जांच का मामला है, पीएम से लेकर नीचे तक। यह नव नियुक्त लोकपाल द्वारा जांच किए जाने बिलकुल सही मामला है जिससे अपराधी बेनकाब हो सके। उन्होंने कहा गेंद अब पीएम के पाले में है। उन्हें तय करना होगा कि चौकीदार चोर है या चौकीदार जाँचे के लिए तैयार है।
वहीं बीएस येदियुरप्पा ने लेख द्वारा उद्धृत दस्तावेजों को ख़ारिज करते हुए कहा, “मैं मानहानि का मुकदमा दायर करने के बारे में सोच रहा हूं ।।। ये आरोप झूठे हैं। आईटी विभाग के अधिकारियों ने जांच की थी और पाया था कि दस्तावेज और हस्ताक्षर जाली हैं। यह राजनीतिक रूप से प्रेरित है।