
साल 2016 में मोदी सरकार द्वारा लागू की गई नोटबंदी पर कांग्रेस ने एक बार फिर निशाना साधा है| कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि आरबीआई के सेंट्रल बोर्ड के नकारने के बावजूद नोटबंदी के समर्थन से साफ है कि उन पर दबाव डाला गया था|
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने आरटीआई से मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा है कि 8 नवम्बर 2016 को आरबीआई के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की दिल्ली में एक बैठक हुई थी जिसमें हुई बातचीत की औपचारिक जानकारी नहीं मिली थी लेकिन अब यह सबके सामने है|
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आरबीआई के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 561वीं बैठक में तब के गवर्नर उर्जित पटेल, वर्तमान गवर्नर शक्तिकांत दास भी मौजूद थे| आरबीआई की बैठक में कहा गया था कि अधिकतर कालाधन कैश में नहीं होता है| लोग उसे सोने और रियल एस्टेट के रूप में रखते हैं| आरबीआई के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 561वीं बैठक में रिजर्व बैंक ने कहा था कि नोटबंदी से फर्जी नोटों के इस्तेमाल में कोई असर नहीं होने वाला|
जयराम रमेश ने दावा किया आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल 3 बार संसद की 3 समितियों के सामने आए और तीनों बैठकों में गवर्नर ने औपचारिक तौर पर ये नहीं बताया कि इस बैठक में क्या बातचीत हुई| उन्होंने कहा कि आरबीआई के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में रिजर्व बैंक ने कहा था कि नोटबंदी से फर्जी नोटों के इस्तेमाल में कोई असर नहीं होने वाला| इससे साफ हो जाता है कि जिन कारणों से नोटबंदी की गई थी| उन सभी कारणों को आरबीआई के सेंट्रल बोर्ड ने नकारा था| फिर भी बोर्ड द्वारा नोटबंदी का समर्थन करने से साफ है कि उन पर दबाव डाला गया था|
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कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था कि अर्थव्यवस्था में जो नोट चल रहे हैं वो काफी ज्यादा हैं और हम कैशलेस, जिसे बाद में बदलकर लेस कैश कर दिया, अर्थव्यवस्था बनाना चाहते हैं| 26 महीनों की कोशिशों के बाद आरटीआई से ये जानकारी निकल कर सामने आई है| जयराम रमेश ने दावा किया कि उन्हें भरोसा है कि और भी कई सारे सच बाहर निकल कर आएंगे क्योंकि ये सरकार जाने वाली है और सच्चाई सामने आने वाली है|
जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि पिछले ढाई वर्षों में नोटबंदी से काफी नकारात्मक असर हुआ है| असंगठित क्षेत्र के लोगों पर, ग्रामीण इलाकों में, कृषि से जुड़े लोगों पर इसका बेहद बुरा असर हुआ| नोटबंदी के निर्णय को आज भी सारा देश भुगत रहा है और ये भी साफ है कि नोटबंदी से कालेधन पर कोई असर नहीं पड़ा| उन्होंने कहा कि नोटबंदी निश्चित तौर पर एक ‘तुगलकी फरमान’ था जिस पर कोई बातचीत नहीं की गई, कोई सलाह नहीं ली गई| इसके नतीजे आज भी देश भुगत रहा है|