भारत और पाकिस्तान के बीच बनने वाले श्री करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण के मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के दलों के बीच वार्ता समाप्त हो गई है। अटारी बॉर्डर पर आयोजित इस वार्ता में दोनों पक्षों ने श्री करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण और अन्य पहलुओं पर बातचीत की। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए सुबह वाघा बॉर्डर से होकर यहां पहुंचा था। दोनों पक्षों के बीच अगली वार्ता अब 2 अप्रैल को वाघा बॉर्डर पर होगी।
इस बैठक में करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को दी जाने वाली सुविधाओं पर चर्चा हुई। दर्शन करने के लिए की जाने वाली व्यवस्थाओं पर भी बातचीत की गई। कॉरिडोर को लेकर पाकिस्तान सरकार और भारत सरकार द्वारा रखे गए प्रस्ताव पर भी विचार विमर्श किया गया। कुछ मुद्दों पर सहमति बनी है और कुछ पर विचार किया जाना है।
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संयुक्त बयान मे कहा गया है कि दोनों पक्षों ने कॉरिडाेर के लिए प्रस्तावित समझौते के विभिन्न पहलुओं और प्रावधानों पर विस्तृत और रचनात्मक चर्चा की। इसके साथ करतारपुर साहिब कॉरिडोर का तेजी से संचालन करने की दिशा में काम करने पर सहमति व्यक्त की। इसके साथ ही बैठक में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तौर-तरीकों और ड्राफ्ट समझौते पर चर्चा की गई। बयान में काि गया है कि इस पहली बैठक सौहार्दपूर्ण वातावरण में बातचीत हुई।
ये अधिकारी कर रहे अगुवाई
बता दें वार्ता के लिए पाकिस्तानी अधिकारी आज सवेरे अटारी-वाघा बॉर्डर पहुंचे। अंतरराष्ट्रीय अटारी सीमा पर स्थित इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) पर यह बैठक हुई। इसमें भारत द्वारा पीओके में एयर स्ट्राइक किए जाने के बाद दोनों देशों में पैदा हुए तनाव के बीच यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है। हालांकि यह मीटिंग केवल करतारपुर कॉरिडोर तक ही सीमित रही।
भारतीय शिष्टमंडल की अगुवाई विदेश मंत्रालय के पाकिस्तान, अफगानिस्तान व ईरान डेस्क के संयुक्त सचिव दीपक मित्तल और गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव अनिल मलिक कर रहे हैं। वहीं पाकिस्तान शिष्टमंडल का नेतृत्व डायरेक्टर जनरल साउथ एशिया मोहम्मद फैसल कर रहे हैं। पाकिस्तान शिष्टमंडल के एक सदस्य और दिल्ली स्थित पाकिस्तान दूतावास के डिप्टी हाई कमिश्नर सईद हैदर शाह देर शाम दिल्ली से अमृतसर पहुंचे गए थे। केंद्र सरकार ने इस बैठक की कवरेज के लिए किसी भी पाकिस्तानी पत्रकार को वीजा जारी नहीं किया है|
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पाकिस्तान ने दिया है यह प्रस्ताव
पाकिस्तान की सरकार ने पिछले महीने भारत सरकार के समक्ष एक प्रस्ताव रखा था। इसमें उन्होंने कहा था कि करतारपुर साहिब के दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालु 15 यात्रियों के जत्थे में आएं और उनके पास पासपोर्ट होना चाहिए। उनके पास भारतीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा जारी क्लीयरेंस सर्टिफिकेट होना अनिवार्य है। आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु का एक डेटाबेस तैयार किया जाए। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां हर श्रद्धालु के बारे में जानकारी उसके आने के तीन दिन पहले पाकिस्तान को उपलब्ध करवाए।
एलपीएआई, नेशनल हाईवे और बीएसएफ अधिकारियों की बैठक
लैंड पोर्ट ऑफ अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एलपीएआई) के अधिकारी अखिल सक्सेना ने राष्ट्रीय राजमार्ग व सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की। एलपीएआई करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए 90 करोड़ की राशि के एक यात्री टर्मिनल का निर्माण भी करेगी। केंद्र सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर के पहले चरण का काम इस वर्ष 11 नवंबर तक पूरा करने का दावा किया है। श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व 12 नवंबर को मनाया जाएगा। वहीं करतारपुर कॉरिडोर के लिए अभी तक पंजाब सरकार भूमि अधिग्रहण नहीं कर पाई है। सरकार ने डेरा बाबा नानक में भूमि अधिग्रहण के लिए बुधवार को अखबारों में विज्ञापन दिए हैं।