आर्थिक संकट से जूझ रही एयरलाइन जेट एयरवेज को एक और झटका लगा है। दरअसल, जेट एयरवेज के मुख्य वित्तीय अधिकारी अमित अग्रवाल से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। कंपनी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक अमित अग्रवाल ने निजी कारणों से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा, ‘मैं सूचित करना चाहता हूं कि मैं व्यक्तिगत कारणों से अपनी सेवाओं से त्यागपत्र दे रहा हूं।
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कई महीनों से पायलट और अन्य कर्मचारियों की सैलरी न दे पाने की वजह से भी एयरलाइन लंबे समय से संकट में घिरी थी। अप्रैल से ही जेट एयरवेजका संचालन बंद हो गया है। जेट एयरवेज के बंद होने की वजह से हजारों कर्मचारियों को नौकरी गंवानी पड़ी। जेट की हिस्सेदारी खरीदने से भी कंपनियां परहेज कर रही हैं। हालांकि जेट के ही अंतरराष्ट्रीय सहयोगी एतिहाद ने हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा जताई है।
एतिहाद ने जेट की उधारी चुकाने के बारे में कोई वादा नहीं किया है, लेकिन एतिहाद एयरलाइन्स ने कहा है कि वह जेट में 1700 करोड़ रुपये का निवेश कर सकती है। पिछले शुक्रवार को जेट के लिए बोली लगाने की समयसीमा खत्म हो गई और तब तक सिर्फ एतिहाद ने ही बोली लगाई थी। उसने डेडलाइन खत्म होने से कुछ मिनट पहले ही बोली सौंपी थी। उसके अलावा जेट की खातिर नेशनल इनवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ), टीपीजी कैपिटल और इंडिगो पार्टनर्स को चुना गया है।
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जेट एयरवेज को बैंकों ने भी मदद देने से हाथ खड़े कर दिए थे। जेट को अभी कम से कम 15,000 करोड़ के निवेश की जरूरत है। जेट को कर्ज देने वाले बैंकों में से एक के अधिकारी ने बताया कि अगर यह तफ्तीश मुकम्मल जांच में बदलती है तो किसी वनटाइम डेट सेटलमेंट की संभावना खत्म हो सकती है या उसमें देरी हो सकती है। जेट पर कुल 8,500 करोड़ का कर्ज है।