
पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने आरिफ मोहम्मद खान की सदारत में शिक्षाविद, लेखक, दार्शनिक और बिजनेसमैन जनाब कलीम–उल–हफीज की एक नयी पुस्तक “आईआईसीसी – ए ड्रीम स्टिल कम ट्रू” का अंग्रेजी और उर्दू दोनों भाषाओं में विमोचन किया। जनाब कलीमुल हफ़ीज़ साहब ने इस किताब में संस्था के सदस्यों द्वारा संस्था के लक्ष्यों कैसे प्राप्त किया जा सकता है इसका एक रोडमैप तैयार किया है। पेशे से एक इंजीनियर जनाब कलीमुल हफीज के नाम पर कई टैग हैं। वह एक शिक्षाविद, लेखक, दार्शनिक होने साथ साथ एक सफल बिजनेसमैन भी हैं। वह अल–हफीज एजुकेशनल एकेडमी और होटल रिवर व्यू के संस्थापक और अध्यक्ष भी हैं, जो दक्षिण दिल्ली के दिल यानी यमुना नदी के किनारे एक प्रसिद्ध होटल है। वह कई प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थानों के संस्थापक सदस्य भी हैं। जनाब कलीमुल हफीज ‘इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेन्टर‘ की सदस्य–कार्यकारी समिति के लिए चुनाव लड़ रहे हैं।
अपनी आखिरी किताब “तालीम से ही तस्वीर बदलेगी” के बाद, सोमवार, 17 दिसंबर को नई दिल्ली के प्रसिद्द होटल रिवर व्यू में उनकी दूसरी पुस्तक “आईआईसीसी–ए ड्रीम स्टिल टू कम ट्रू” अंग्रेजी में और उसका उर्दू अनुवाद का विमोचन किया गया। भारत के पूर्व विदेश मंत्री जनाब सलमान खुर्शीद द्वारा पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री आरिफ मोहम्मद खान की अध्यक्षता में किताब लॉन्च की गयी| प्रोग्राम में कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियाँ भी शामिल थीं। दिल्ली एनसीआर में स्थित ‘इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेन्टर‘ के सदस्यों ने काफी तादाद में इस बुक लॉन्च में शिरकत की।
पुस्तक, संस्थान के लक्ष्यों को प्राप्त करने का एक रोडमैप है जो कलीमुल हफ़ीज़ के निजी अनुभवों का प्रतिनिधित्व करती है। पदाधिकारी के परिवर्तन का कोई महत्व नहीं है। “मेरे लिए व्यक्तिगत पदाधिकारी के परिवर्तन का कोई महत्व नहीं है। महत्वपूर्ण बात यह है कि जो लोग इसे सेवा देते हैं (या जिनके लिए भगवान इसे सेवा करने का मौका देते हैं) उनको इसके वास्तविक चरित्र को उजागर करना चाहिए और इसके लक्ष्यों पर प्रकाश डालकर कार्रवाई की योजना बनाना चाहिए, “लेखक श्री कालेमुल हफीज ने कहा। यह किताब आईआईसीसी 201 9 चुनावों से पहले एक महत्वपूर्ण समय पर लॉन्च हुई है। ‘इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेन्टर‘ जैसे प्रतिष्ठित संस्थान को सकारात्मक परिवर्तन और सुधारों की सख्त जरूरत है। इस समय जब एक नए नेतृत्व के लिए चुनाव हो रहे है, इस पुस्तक ने सेंटर के संक्षिप्त इतिहास और इसकी वार्षिक रिपोर्ट की समीक्षा कर सुझाव भी प्रस्तावित किए गए हैं साथ ही कार्यवाही की योजना पर भी प्रकाश डाला है। देश में मुस्लिम अल्पसंख्यक की स्थिति पर कुछ अवलोकन शामिल किए गए हैं।

