#MeToo कैंपेन के ज़रिए एक के बाद एक बड़े नाम सार्वजानिक हो रहे है| बॉलीवुड अभिनेत्रियों से लेकर महिला पत्रकारों के साथ हुए यौन उत्पीड़न को गंभीरता से लेते हुए शुक्रवार को केंद्र सरकार ने #MeToo मामलों की जांच करने के लिए कमेटी गठित करने का फैसला किया है।
शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने दूरदर्शन न्यूज़ के इंटरव्यू में कहा कि #MeToo मामलों की सुनवाई के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की चार सदस्यीय समिति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा, “वरिष्ठ न्यायाधीश, कानूनी विशेषज्ञों वाली प्रस्तावित समिति मी टू अभियान के तहत सामने आए सभी मामलों की जांच करेगी। मैं उन सभी मामलों में विश्वास करती हूं और इन शिकायतों के पीछे की पीड़ा और सदमे को समझ सकती हूं।”
महिलांए ऑनलाइन दर्ज करा सकती है शिकायतें
महिलांए अपनी शिकायतें ऑनलाइन दर्ज करा सकती है| मेनका गाँधी ने अपने इंटरव्यू में कहा कि महिलाओं के लिए बनी यह जांच कमिटी लीगल और इंस्टीट्यूशनल फ्रेमवर्क को देखेगी| इसके साथ ही मंत्रालय को सुझाव देगी कि इसे और कैसे मजबूत किया जा सकता है| महिलांए शी बॉक्स के ज़रिए www.shebox.nic.in शिकायत कर सकती हैं| यहां किसी भी क्षेत्र में काम करने वाली महिलाएं यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज करा सकती हैं| उन्होंने कहा कि शिकायत एमआईएन डब्ल्यूसीडी@एनआईसीडॉटइन में भी दर्ज कराई जा सकती है| मंत्रालय प्रत्येक मामलों को बारीकी से देखेगा|
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मेनका ने कहा महिलाओं को आगे आना चाहिए
मेनका गांधी ने कहा कि महिलाओं को आगे आना चाहिए और अपने अनुभव साझा करने चाहिए| गांधी ने हालांकि अपने सहयोगी एमजे अकबर पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की| अकबर के साथ काम करनेवाली अनेक महिलाओं ने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं| यौन उत्पीड़न के आरोप विदेश राज्य मंत्री के अलावा फिल्म निर्देशक साजिद खान, अभिनेता आलोक नाथ पर भी हैं और नामों की फेरहिस्त लंबी होती जा रही है|
उन्होंने सभी क्षेत्रों की महिलाओं को सेक्सुअल हेरेस्मेंट के खिलाफ निडरता से बाहर निकलने और इससे जुड़े किसी भी प्रकार के मामलों की रिपोर्ट करने के लिए आग्रह किया है| इसके साथ ही कहा, “हम सभी संभावित सहायता सुनिश्चित करेंगे”। इस बीच, दिल्ली कमिशन फॉर विमेन के अध्यक्ष स्वाती मालिवाल ने प्रधान मंत्री को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होंने एमजे अकबर के इस्तीफे की मांग की है|
आगे बताया कि एक महिला को इस तरह आगे आने में काफी हिम्मत दिखानी पड़ती है| इतने बड़े मामले पिछले 25 वर्ष से दबे हुए थे| प्रश्न यह है कि इतने वर्ष बीत चुके हैं ऐसे में वे यह सब साबित कैसे कर पायेगी कि उन्हें गालियां दी गयीं, उन्हें छुआ गया, नोंचा गया, उनके कपड़े खींचे गये| उन्होंने कहा, पहली चीज जो करनी चाहिए वह यह है कि इन राक्षसों के नाम सामने लाकर उन्हें शर्मसार करना चाहिए| नाम सामने लाने और शर्मसार करने से महिलाओं ने जो दर्द सहा है, वह कुछ कम होगा और दूर तक इसका असर दिखेगा| उन्होंने कहा कि अगला कदम एक समिति बनाना है जो महिलाओं की बात सुने|
बीते कई दिनों से #MeToo कैंपेन के अंतर्गत कई महिलाएं सामने आई हैं, जिन्होंने वर्कप्लेस और दूसरी जगहों पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का जिक्र किया है| मेनका गांधी की ये प्रतिक्रिया इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर का भी नाम इसमें शामिल है जिसमें 7 महिलाओं ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं| मेनका ने कहा, सत्ता के शिर्ष पर बैठे लोग अक्सर ऐसा करते हैं| ऐसा हर जगह देखा जाता है|

