
सूत्रों के मुताबिक अब केंद्र सरकार एक मंत्रियों का समूह (GoM) बनाने पर विचार कर रही है। जो #MeToo अभियान में उठे सवालों और कार्यस्थल पर महिलाओं के उत्पीड़न रोकने के लिए बने कानून-नियमों की कमियों को दूर करने के उपाय तलाशेगी। सरकार जल्द ही इस संबंध में मंत्रियों का एक समूह बनाने पर विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि मंत्रियों के समूह की अध्यक्षता मंत्रिमंडल के किसी वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री को सौंपी जाएगी। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और महिला मंत्री इस गोम के सदस्य होंगे।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने #MeToo अभियान में सामने आये यौन उत्पीड़न के आरोपों और मुद्दों को देखने के लिए पिछले शुक्रवार को रिटायर्ड जज की अगुवाई में विधि विशेषज्ञों की एक कमिटी बनाने का एलान किया था।
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केंद्रीय मंत्री का कहना है की जीओएम मौजूदा कानूनों को मजबूत करने में सक्षम होगा ताकि हर मामले में अदालत से न्याय का लाभ उठाया जा सके। प्रधान मंत्री ने हमेशा महिलाओं के अधिकारों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
#MeToo अभियान में महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी की कोशिशों को जबरदस्त झटका लगा जब केंद्र सरकार ने मंत्रालय के योजना को मंजूरी नहीं दी। #MeeToo के आरोपों से निपटने के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की तरफ से बनाई जा रही कमेटी को सरकार ने मंजूरी नहीं दी है।

