देश की जानीमानी संस्था ऑल इंडिया रेडियो (आकाशवाणी) में पिछले दिनों #मीटू के तहत महिलाओं ने आंतरिक शिकायत समिति में एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी जिसमें प्रसार भारती ने राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्लू) को इसकी रिपोर्ट सौपी थी| इसके जवाब में शुक्रवार को राष्ट्रीय महिला आयोग ने एक अधिकारी द्वारा 9 महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने के मामले में उसके पद को घटाने के साथ वेतन में भी कटौती की है| हालांकि, इस रिपोर्ट में नौ महिला कर्मचारियों को नौकरी से बहाल करने के मुद्दे पर कोई बात नहीं की गई है|
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अपने बयान में महिला आयोग ने कहा कि डिसप्लनेरी अथॉरिटी ने उनकी सभी सिफारिशों को स्वीकार करते हुए संबंधित अधिकारी पर बड़ा जुर्माना लगाया है और एक साल के दो चरणों में वेतनमान में कमी करने और इस दौरान कोई भी वृद्धि न करने की बात कही है| इसके अलावा उसका ट्रांसफर किया गया और एक साल के लिए सभी तरह की वेतन बढ़ोत्तरी को भी रोक दिया गया है|
पिछले महीने महिला आयोग ने प्रसार भारती के सीईओ शशि एस वेम्पाटी को चिट्ठी लिखकर अधिकारी के खिलाफ जांच करने की बात कही थी| आयोग ने इस बारे में तब कदम उठाया जब ऑल इंडिया रेडियो कैजुअल अनाउंसर एंड कम्पेरेस यूनियन (AICACU) से ऑल इंडिया रेडियो के देश भर में कई स्टेशनों में काम करने वाली महिला कर्मचारियों ने यौन दुर्व्यवहार की शिकायत की|
इसके बाद महिला आयोग के खत का जवाब देते हुए अपनी एक्शन टेकन रिपोर्ट राष्ट्रीय महिला आयोग को सौंपी| इसमें उन्होंने रेडियो स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने और स्टेशन प्रमुख के तौर पर एक महिला अधिकारी की भी नियुक्ति करने के साथ ट्रांसपोर्ट फैसेलिटी प्रदान करने की बात कही है| महिला आयोग के अनुसार प्रसार भारती ने अपने सभी सेंटर्स को यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर तिमाही रिपोर्ट देने की भी बात कही है|
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बता दें कि नौ महिलाओं के साथ अधिकारी द्वारा यौन शोषण और फिर शिकायतकर्ताओं को ही नौकरी से निकाले जाने के इस मामले की गंभीरता को देखते हुए ऑल इंडिया रेडियो कैजुअल अनाउंसर एंड कम्पेरेस यूनियन (एआईसीएसीयू) ने महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी को पत्र लिखा था| इसके बाद मेनका गांधी ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से इन मामलों में जांच की मांग की थी|
गौरतलब है कि ऑल इंडिया रेडियो के देश के अलग-अलग स्टेशनों से ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें यौन शोषण की शिकायत करने वाली महिलाओं को काम से निकाल दिया जा रहा है| हैरानी की बात है कि दूसरी तरफ यौन शोषण के आरोपी का ट्रांसफर कर दिया जा रहा है| जिन लोगों पर यौन शोषण के आरोप लगाए गए हैं वे सभी ऑल इंडिया रेडियो के परमानेंट कर्मचारी हैं| वहीं, प्रसार भारती की ओर से कहा गया है कि उन्होंने जरूरी कदम उठाए हैं, मसलन सीसीटीवी कैमरे लगाना, स्टेशन इंचार्ज के तौर पर महिला प्रोग्राम एग्जक्यूटिव की नियुक्ति जैसी चीजें शामिल हैं|

