23 मई को लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद फिर से भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आ गई और नरेंद्र मोदी ने कल गुरुवार को दुबारा प्रधानमंत्री के लिए शपथ भी ले ली है| गौरतलब है कि मोदी सरकार का दुबारा सत्ता में आने के बाद वह कौन सी बड़ी चुनौती है जो देश के विकास में बाधा बनने वाली है| लोकसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल करने के बाद मोदी सरकार के सामने धीमी पड़ चुकी अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी चुनौती के रूप में है क्यूंकि जनवरी से मार्च तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था चीन की अर्थव्यवस्था से पिछड़ती हुई नजर आई है| हालांकि, धीमी पड़ी अर्थव्यस्था से मतदाताओं को कोई फर्क नहीं पड़ा और भारी बहुमत के साथ बीजेपी की फिर से सरकार बनी|
मोदी सरकार के दुसरे कार्यकाल में अर्थव्यवस्था को इसलिए बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है क्यूंकि रॉयटर्स से जुड़े अर्थशास्त्रियों का मानना है कि मार्च के अंत तक भारत की विकास दर 6.3 प्रतिशत तक लुढ़क गई जो पिछले छह तिमाहियों में सबसे धीमी गति है और ऐसे में सरकार का पहला काम एक नए वित्त मंत्री को ढूंढना होगा क्योंकि अरुण जेटली ने स्वास्थ्य कारणों से मंत्री पद से अलग हटने का फैसला किया है और जो कोई भी जेटली की जगह लेगा उसे जुलाई के लिए एक अच्छे बजट को तैयार करना होगा|
भारत की अर्थव्यवस्था से जुड़े मुद्दे पर चीन की मीडिया ने भी मोदी सरकार को घेरा है| चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ के एक लेख में कहा गया है कि पीएम नरेंद्र मोदी के सामने दूसरे कार्यकाल में उनके समक्ष सबसे बड़ी चुनौती अर्थव्यवस्था को सही करने की है| लेख में यह बताया गया है कि पीएम मोदी के लिए कई बड़ी समस्याएं उनका इंतजार कर रही हैं और उनके लिए यह दूसरा कार्यकाल आसान नहीं रहने वाला है| इसमें कहा गया है कि बीते दो माह से चल रहे चुनावी माहौल के बीच भारत की अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है| इसके अलावा वहां पर बेरोजगारी का मुद्दा भी अपने चरम पर है| यही वजह है कि पीएम मोदी के लिए अर्थव्यवस्था का मुद्दा सबसे बड़ा है|
लेख में कहा गया है कि 2014 में पीएम मोदी ने मेक इन इंडिया कैंपेन को लॉन्च किया था जिसका मकसद भारत को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग सेंटर बनाना था| वर्तमान की बात करें तो मुमकिन है कि चीन और अमेरिका के बीच चल रहे ट्रेड वॉर से कुछ कंपनियां अमेरिका से शिफ्ट होकर भारत की तरफ या दूसरे देशों का रुख करें लेकिन यह बहुत साफ है कि भारत इस मौके को किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहेगा|
बहरहाल, अब मोदी सरकार से यह उम्मीद है कि वह अपने दूसरे कार्यकाल में अर्थव्यवस्था में विकास को प्राथमिकता देंगे और भारत में जो हर महीनें युवाओं के बीच बेरोजगारी की समास्या बढ़ रही है उस पर ध्यान देंगे|