सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में जांच पूरी करने लिए सीबीआई को तीन महीने का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी बृजेश ठाकुर को झटका देते हुए कहा कि इस मामले में आरोपियों के पक्ष को कोर्ट नहीं सुनेगा। कोर्ट ने धारा-377, IT एक्ट और विजिटर जो लड़कियों का उत्पीड़न, ड्रग्स या ट्रैफिकिंग करते थे उनके बारे में भी जांच करने को कहा है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन बच्चों के कंकाल बरामद हुए है, सीबीआई को इस बाबत जांच करनी है कि आखिर ये कंकाल किसके है। सीबीआई ने मामले की जांच पूरी करने के लिए कोर्ट से छह महीने का समय मांगा था।
सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 11 लडकियों की कथित हत्या के मामले में सीबीआई को 2 जून तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था। सीबीआई की ओर से बताया गया कि 11 लडकियां गायब हैं जिनकी हत्या का संदेह है करीब 35 लडकियों के नाम एक जैसे हैं। सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने रिपोर्ट दाखिल की थी। सीबीआई ने कहा है शेल्टर होम में खुदाई में हड्डियां मिली है। मामले में हुई हत्या की अभी जांच जारी है। सीबीआई ने इस आरोप से इनकार किया है जिसमे कहा गया है कि मामले में शक्तिशाली और प्रभावशाली लोगों को बचाया जा रहा है। सीबीआई ने इस मामले में जांच पूरी करने के लिए और समय मांगा है।
सीबीआई ने 4 मई को सुप्रीम कोर्ट में सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा था कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर और उसके सहयोगियों ने 11 लड़कियों की कथित रूप से हत्या की थी और एक श्मशान घाट से ‘हड्डियों की पोटली’ बरामद हुई है। सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में सीबीआई ने कहा कि जांच के दौरान दर्ज पीड़ितों के बयानों में 11 लड़कियों के नाम सामने आये हैं जिनकी ठाकुर और उनके सहयोगियों ने कथित रूप से हत्या की थी। सीबीआई ने कहा कि एक आरोपी की निशानदेही पर एक श्मशान घाट के एक खास स्थान की खुदाई की गई जहां से हड्डियों की पोटली बरामद हुई है। बिहार के मुजफ्फरपुर में एक एनजीओ द्वारा संचालित आश्रय गृह में कई लड़कियों का कथित रूप से बलात्कार और यौन उत्पीड़न किया गया था और टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान की रिपोर्ट के बाद यह मुद्दा उछला था।