
जैसे की हम सब जानते है की इस महामारी कोविद-१९ के चलते पुरे देश मे उथल -पुथल मच चुकी है| जिस के कारण पुरे विश्व की अर्थव्यवस्ता पर बहुत बुरा असर पड़ा है| बहुत से देशो मे लाखो -अरबो लोग बेरोज़गार हो गए है कोविद -१९ के चलते पब्लिक एवं प्राइवेट सेक्टर, हॉस्पिटैलिटी सेक्टर, फ़ूड स्टार्टअप्स, पर बहुत बुरा असर पढ़ा है| जिसकी वजह से बहुत से नौजवानो की नोकरिया चली गई है | इस मुश्किल घडी मे सबसे ज्यादा कठिनाइयां मज़दूरों को झेलनी पड़ रही है क्योकि इस मुश्किल घडी मे वह हज़ारो किलोमीटर चलके अपने घर वापस जा रहे| इस बात से कोई भी वंचित नहीं है की इस महामारी के चलते पुरे विश्व का कितना नुकसान हुआ है | दूसरी ही ओर शिक्षा व्यस्था पर भी इस महामारी का बहुत बुरा असर हुआ है|
इस महामारी के चलते शिक्षा व्यवस्था में उथल -पुथल हो गयी है जिससे की हज़ारो -लाखो बच्चे की पढाई पर असर हुआ है | इस महामारी के चलते सारे ही राज्यों ने सभी स्कूल और कॉलेजेस बंद करने के आदेश दिए जिस आदेश को कई महीनो तक लागु रखा गया है और शायद आगे भी रखा है| लकिन हाल ही मे केंद्रीय गृह मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा की सरकार शिक्षा व्यस्था के लिए अब नए आदेश लागु करेगी जिससे की बच्चो को पढाई मे कोई नुक्सान न हो |
श्री नरेंद्र मोदी जी की उपलब्धियो पर टिपरी करते हुए उनकी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल की सालगिरह को दर्शाते हुआ कहा उनकी यह नई निति शिक्षा के लिए बहुत ही फायेमंद होगी जिससे की वह देश को अलग दिशाओं की औऱ लेकर जाएंगी ,उचचतर स्तर की शिक्षाएं प्राप्त होगी , जो देश को अहम शक्ति शैली और आत्मनिर्भर भारत बनाएगी |
संसाधन विकास मंत्री ने यह भी कहा की नए भारत का निर्माण करने के लिए जितना उनकी मिनस्ट्री से हो सकता है वह करेंगे जी जान लगा देंगे , सारे प्रयास करेंगे सुनिश्चित करेंगे की किसी का भी प्रयास बेकार ना जाये जिसे की एक नए भारत का निर्माण हो जिसे की हर वर्गय विद्याथी शिक्षा प्राप्त कर सके ओर हर एक विद्याथी को उच्चतर स्तर की विद्या प्राप्त हो | उन्होंने यह भी लिखा की हर तरीके से सारी योजनायो का भी गठन कर लिए गया है | मंत्री ने लिखा, “1000 विश्वविद्यालयों, 45000 कॉलेजों, 15 लाख स्कूलों, 33 करोड़ छात्रों और 1 करोड़ से अधिक शिक्षकों के साथ दुनिया में सबसे बड़ी शिक्षा प्रणाली के रूप में, हम अपने संस्थानों के बंद होने के साथ कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं|
पूर्व भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख के. कस्तूरीरंगन के नेतृत्व में एक पैनल ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के कार्यभार संभालने के बाद नए एनईपी का प्रारूप प्रस्तुत किया था। मसौदे को तब विभिन्न हितधारकों से प्रतिक्रिया लेने के लिए सार्वजनिक डोमेन में रखा गया था और उसी के बारे में मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा दो लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए थे।रिपोर्टों के अनुसार, NEP के अंतिम मसौदे को फीडबैक के लिए पिछले महीने विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों के बीच प्रसारित किया गया था।
