
राजधानी दिल्ली में नोएडा के एक पार्क में शुक्रवार को अदा की जानी वाली नमाज़ पर रोक लगा दी है| नोएडा सेक्टर 58 थाना पुलिस ने इंडस्ट्रियल एरिया में नोएडा अथोरिटी पार्क में किसी भी तरह के धार्मिक आयोजन करने पर रोक लगा दी है| पुलिस ने इस एरिया में स्थित सभी कपनियों को नोटिस भेजा है जिसमें कहा गया है की यदि अथोरिटी पार्क में प्रार्थना करते देखा गया तो कंपनी ज़िम्मेदार होगी और उस पर कारवाई की जाएगी|
कुछ लोगों ने सेक्टर 58 में पार्क में धार्मिक प्रार्थना करने की अनुमति मांगी थी लेकिन सिटी मजिस्ट्रेट ने अस्वीकार कर दिया| सेक्टर 58 में स्थित सारी कंपनियों को यह सूचित किया गया है कि यह किसी भी एक धर्म विशेष पर आधारित नहीं है|
आदिल रशीद, जो mohamaddiyantrust.com नामक एक वेबसाइट चलाते हैं, ने बताया कि सेक्टर 58 के सैकड़ों मुसलमानों ने पार्क में नमाज़ पढने के लिए डीएम कार्यालय के बाहर खड़े हुए लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा| इस मुद्दे पर एसएसपी और डीएम ने कहा कि बिना परमिशन के हो रही है नमाज, हमने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर रोक लगाई है| सुप्रीम कोर्ट 2009 के आदेश के अनुसार किसी भी सार्वजनिक स्थल पर बिना परमिशन के धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा|
अथॉरिटी के इस पार्क में आस-पास की कंपनियों के कर्मचारी पहुंचते हैं| आसपास की कंपनियों के कर्मचारी दोपहर के वक्त नमाज पढ़ने के लिए इस पार्क का इस्तेमाल करते हैं| नोएडा पुलिस का कहना है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले किसी तरह का सांप्रदायिक तनाव न पनपे और सौहार्द बना रहे| अजय पाल ने कहा कि पुलिस को उम्मीद है कि सौहार्द कायम रखने में लोग पुलिस का साथ देंगे|
नोटिस में लिखा है, ‘अक्सर यह देखा गया है कि आपकी कंपनी के मुस्लिम कर्मचारी पार्क में नमाज़ अदा करने के लिए इकट्ठा होते हैं और मैंने, एसएचओ ने उनसे कहा था कि पार्क में नमाज़ अदा न करें| साथ ही, सिटी मजिस्ट्रेट के पास उनकी याचिका पर ऐसा करने की कोई अनुमति नहीं मिली है|’
कंपनियों को भेजे नोटिस में आगे लिखा है, ‘इसलिए आपसे यह अपेक्षा की जाती है कि आप अपने स्तर पर अपने मुस्लिम कर्मचारियों को नमाज़ अदा करने के लिए पार्क में न आने की सूचना दें| यदि आपकी कंपनी के कर्मचारी पार्क में आते हैं, तो यह माना जाएगा कि आपने अपने कर्मचारियों को सूचित नहीं किया है और आपकी कंपनी को उत्तरदायी ठहराया जाएगा|’
एसएचओ राय ने कहा कि नमाज़ पढ़ने वाले लोगों की बढ़ती संख्या के कारण नोटिस भेजा गया है| उन्होंने कहा, ‘पहले केवल लगभग 10-15 लोग शुक्रवार की नमाज़ पढ़ने के लिए पार्कों में इकट्ठा होते थे और इस संबंध में कोई शिकायत नहीं थी| हालांकि, पिछले कुछ हफ्तों में इस संख्या में काफी वृद्धि हुई है| पिछले कुछ हफ्तों में, लगभग 500-600 लोग दोपहर में नमाज़ की पढ़ने के लिए इकट्ठे हुए और हमें इस संबंध में कई शिकायतें मिलीं|’
पंकज राय ने कहा कि चूंकि चुनाव नजदीक आ रहा है और ये चिंता का कारण है कि कहीं इससे सामाजिक सौहार्द न बिगड़ जाए, इसलिए ऐसा नोटिस भेजा गया है. कंपनियों को नोटिस को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है| उन्होंने कहा, ‘कंपनियां निजी मामलों के बारे में कुछ भी नहीं कर सकती हैं, हम उम्मीद करते हैं कि कंपनियां अपने कर्मचारियों को सूचित करें कि कंपनी को इस मुद्दे के बारे में एक नोटिस मिला है और उन्हें मस्जिद, ईदगाह या अपने कार्यालय परिसर के भीतर नमाज़ पढ़ना चाहिए|’
जिन कंपनियों के कार्यालय नोएडा में है, उनमें एचसीएल टेक्नोलॉजीज, एल्सटॉम सिस्टम्स, ज़ैंसा, इंटेरा, पोलारिस, आर. सिस्टम्स, आरएमएसआई, कैडेंस, एडोब इंटरनेशनल, टीसीएस, एसटी माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक, सैमसंग, मिंडा हफ आदि शामिल हैं|
गुड़गांव में नमाज़ को लेकर हुआ था बवाल
पिछले दिनों गुड़गांव में सार्वजनिक जगहों पर नमाज पढ़ने को लेकर बवाल हुआ था| सड़कों व खुले स्थानों पर कम से कम 10 जगहों पर जुमे की नमाज पढ़ने से मुस्लिम समुदाय के लोगों को रोका गया था| इन जगहों में सेक्टर-40 स्थित यूनिटेक साइबर पार्क के पास का इलाका, सहारा मॉल के सामने की सर्विस रोड और उद्योग विहार फेज-2 का इलाका शामिल था| संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति नाम के संगठन ने लोगों को खुले में नमाज पढ़ने से रोका गया था| यह समिति 12 स्थानीय हिंदूवादी समूहों से मिलकर बनी थी जिसमें बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, शिव सेना, हिंदू जागरण मंच और अखिल भारतीय हिंदू क्रांति दल के लोग शामिल थे| इससे जुड़े मामले में हरियाणा के सीएम खट्टर की टिप्पणी भी सामने आई थी कि नमाज बाहर नहीं ईदगाह या मस्जिद में ही पढ़ी जानी चाहिए|

