सरकार के कामकाज में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से महाराष्ट्र सरकार ने सुचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत कुछ बदलाओं किए है जिसके तहत लोग जिला स्तर के कार्यालयों और स्थानीय निकायों में सरकारी रिकॉर्ड का निरीक्षण कर सकते है| इसके लिए सरकार ने सप्ताह में सोमवार का दिन निर्धारित किया है|
सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के अधिकारियों ने कहा है कि सरकार के कामकाज में पारदर्शिता लाने और आरटीआई आवेदनों और अपीलों को कम करने के लक्ष्य से यह कदम उठाया गया है| आगे उन्होंने कहा कि अब नागरिकों को आरटीआई आवेदन दर्ज करने या किसी भी शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी| इसके साथ ही अब वे सीधे कार्यालयों में जा सकते हैं और रिकॉर्ड का निरीक्षण कर सकते हैं|
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एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सभी जिला स्तरीय कार्यालयों, नगर निगमों और परिषदों, जिला परिषदों जैसे स्थानीय निकायों को हर सोमवार 3 से शाम 5 बजे तक निरीक्षण की अनुमति है| अगर एक सार्वजनिक अवकाश सोमवार को पड़ता है तब इसे अगले सप्ताह अनुमति दी जाएगी|
अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय में 26 नवंबर का औपचारिक आदेश लागू नहीं होगा| उन्होंने यह भी कहा कि मंत्रालय में कई विभागों के पास पर्याप्त जगह नहीं है जिससे आरटीआई निरीक्षण की अनुमति देना मुश्किल होगा| आरटीआई के तहत फाइलों की जांच करने के लिए लोगों के लिए सरकारी कार्यालय खोलने का निर्णय 2009 में पुणे नगर निगम के कमिश्नर महेश जागड़े द्वारा शुरू किए गए मॉडल पर आधारित है| जब इस साल मार्च में ज़ागड़े को जीएडी में प्रधान सचिव के रूप में कार्यभार सौपा गया था तब उन्होंने राज्य भर में पुणे नागरिक निकाय के फैसले को लागू करने के लिए इसे लाया था लेकिन यह औपचारिक आदेश 26 नवंबर को जारी किया गया|
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ज़ागडे ने कहा कि पुणे नागरिक निकाय के तहत लोग रिकॉर्ड्स का निरीक्षण कर सकते हैं जिसे एक कूपन के साथ दिया जाएगा जिसमें यह उल्लेखित होगा कि आरटीआई के तहत सूचना दी गई थी| राज्य में आरटीआई कार्यकर्ताओं ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है| केंद्रीय सूचना आयुक्त शैलेश गांधी ने कहा, ‘इस फैसले की सफलता नागरिकों द्वारा व्यापक उपयोग पर निर्भर करती है और यह केवल कागज पर नहीं रहना चाहिए|’
वहीँ, पुणे के आरटीआई कार्यकर्ता विवेक वेलंकर ने कहा कि पुणे में ज्यादातर लोग इस मॉडल के प्रति जागरूक नहीं है इसलिए लोगों के बीच व्यापक रूप से इसका उपयोग करने के लिए जागरूकता पैदा करने की आवश्यकता है| साथ ही, सरकार को इस निर्णय को प्रचारित करना होगा और इसके बारे में अधिकारियों को संवेदनशील बनाना होगा ताकि बड़ी संख्या में नागरिक आसानी से जानकारी तक पहुंच सकें|

