सत्रहवी लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी के सांसद ओम बिड़ला नए लोकसभा स्पीकर के रूप में चुने गए है| मंगलवार से लोकसभा का पहला सत्र शुरू हुआ है जिसमें देशभर के सांसद शपथ ले रहे है| इसके साथ ही इस बार संसद में कई नए चेहरे भी देखे गए| जब ओम बिड़ला नए स्पीकर के रूप में चुने गए तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद उन्हें लोकसभा स्पीकर की कुर्सी तक हाथ पकड़ कर ले गए और उन्हें बैठाया| पीएम मोदी ने ओम बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष चुने जाने पर बधाई और शुभकामनाएं देते हुए विश्वास जताया कि वह वर्षों के अपनी सामाजिक संवेदना भरे जीवन के कारण सदन का सुगमता से संचालन कर पाएंगे|
कौन है ओम बिड़ला?
बीजेपी नेता ओम बिड़ला ने हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में कोटा में कांग्रेस उम्मीदवार रामनारायण मीणा को हराया था| उन्होंने रामनारायण मीणा को 2.5 लाख से भी ज्यादा वोटों शिकस्त दी थी| ओम बिरला का जन्म 4 दिसंबर 1962 को कोटो में हुआ था| ओम बिरला वर्तमान में कोटा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से 17वीं लोकसभा के सांसद हैं| वें कोटा से दूसरी बार सांसद चुने गए हैं| वह 2003, 2008 और 2013 में 12वीं, 13वीं एवं 14वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं|
राजनितिक सफ़र
ओम बिड़ला अपने छात्र जीवन से ही राजनीती में रुझान था| उनके राजनीतिक सफर की शुरुआत 1978 में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गुमानपुरा, कोटा से हुई जहाँ वें छात्रसंघ अध्यक्ष थे| छात्र राजनीति के बाद ओम बिरला भारतीय जनता युवा मोर्चा, कोटा के जिलाध्यक्ष बनाए गए| इतना ही नहीं उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा, राजस्थान का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया था| उन्होंने लगातार 6 साल तक प्रदेशाध्यक्ष के पद पर कार्य किया था|
ओम बिड़ला अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं| ओम बिरला कोटा विधानसभा से तीन बार विधायक चुने गए थे| अपने राजनीतिर सफर के दौरान वह नेशनल कोल इंडिया लिमिटेड, नई दिल्ली और नेहरू युवा केन्द्र, नई दिल्ली के डायरेक्टर रह चुके हैं| वह राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ, नई दिल्ली के वाइस चेयरमेन के रूप में भी काम किया हैं|
ओम बिड़ला 2003 से 2008 तक वसुंधरा राजे की सरकार में संसदीय सचिव थे| संसदीय सचिव रहते हुए गरीब, असहाय, गम्भीर रोगियों इत्यादि को राज्य सरकार से 50 लाख रुपए के लगभग आर्थिक सहायता दिलवाई थी| जिसके लिए उन्हें काफी सराहना भी मिली थी| साथ ही उन्होंने निर्धन, असहाय एवं जरूरतमन्द व्यक्तियों को निःशुल्क भोजन कराने हेतु सामुहिक प्रयासों से ‘प्रसादम’ प्रकल्प की स्थापना की जो अभी तक जारी है|
इसके अलावा उन्होंने कोटा में बाढ़ पीड़ितों के बीच में रहकर राहत दल का नेतृत्व करते हुए पीड़ितों को बचाने, उन्हें आवासीय, चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराने में उनका खास योगदान दिया था| ओम बिड़ला ने महर्षि दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी, अजमेर से एमकॉम कर रखा है| उनके पिता का नाम श्रीकृष्ण बिड़ला है| ओम बिरला की पत्नी अमिता बिरला कोटा के एक सरकारी अस्पताल में गायनोकॉलोजिस्ट हैं|