एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में
बेरोजगारी अहम मुद्दा है और नौकरी मिलनी मुश्किल हो रही है वहीं एक राज्य
ऐसा भी है जिसने प्रत्येक परिवार के लिए निश्चित आय की व्यवस्था की है|
पूर्वोत्तर के छोटे से राज्य सिक्किम ने ‘वन फैमिली वन जॉब’ स्कीम शुरू की
है| सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग ने गंगटोक के पलजोर स्टेडियम
में आयोजित रोजगार मेले में शनिवार को 12,000 बेरोजगारों को अप्वाइंटमेंट
लेटर्स दिए| समारोह में कई औपचारिकताओं के कारण फिलहाल केवल 12 हजार के नाम पर नियुक्ति
पत्र जारी होने की बात कही। जल्द ही शेष आठ हजार पदों को इसी माह जनवरी में
भर देने की बात कही गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 हजार बेरोजगार युवाओं को अस्थायी तौर पर नियुक्त
किया गया है। अगले पांच वर्ष के बाद सभी को स्थायी कर दिया जाएगा।
इस तरह का रोजगार मेला भविष्य में भी लगाया जाएगा। विगत दिनों में राज्य
सरकार ने 10 हजार अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी किया गया। बीस हजार और
लोगों को नौकरी मिलने के बाद सिक्किम में सरकारी नौकरी करने वाले
कर्मचारियों की संख्या करीब एक लाख तक पहुंच जाएगी। उन्होंने पूरे राज्य को
बेरोजगारमुक्त परिवार बनाने की बात कही। इसी तरह दो लाख सर्विस सेक्टर में
कार्यरत हैं। दो लाख कृषि, पशुपालन, पुष्प खेती आदि पारंपारिक व्यवसाय में
हैं। पचास हजार के पास दुकानों के लाइसेंस है। 25 हजार सरकारी ठेकेदार हैं। दस
हजार युवाओं को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत विभिन्न व्यवसाय आरंभ
करने के लिए कर्ज दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस नियुक्ति में किसी भी
जाति आधारित आरक्षण व्यवस्था लागू नहीं है । यहां सरकारी योजनाओं से वंचित
युवाओं को ही रोजगार दिया गया है। इस अवसर पर मुख्य सचिव एके श्रीवास्तव ने
20 हजार रोजगार में धोबी, कार्यालय सहायक, एलडीसी, ग्रामीण रक्षक पुलिस,
चौकीदार, सुपरवाइजर, मार्केटिंग एसिस्टेंट, सफाई कर्मचारी शामिल होने की
बात कही।

