
खाद्य और पेय पदार्थ बनाने वाली दिग्गज कंपनी पेप्सिको इंडिया ने शुक्रवार को गुजरात के नौ किसानों के खिलाफ दायर दो मुकदमों को वापस ले लिया। इन मुकदमों में कंपनी ने किसानों द्वारा कथित तौर पर उन आलू किस्म को उगाने के खिलाफ दावा किया था। इन किस्मों पर कंपनी ने अपना विशेषाधिकार होने का दावा किया था।
किसानों के वकील आनंद याग्निक ने कहा कि इन मुकदमा वापसी के बाद कोई मुकदमा नहीं रह गया है। एक हफ्ते पहले, पेप्सिको ने राज्य में बनासकांठा जिले के दो किसानों के खिलाफ डेसा वाणिज्यिक न्यायालय में अपना मामला वापस ले लिया था। याग्निक ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, अब नौ किसानों के खिलाफ शेष दो मामले को इस बहुराष्ट्रीय कंपनी ने वापस ले लिया है।
आलू के विशेष किस्म पर अपने विशेष अधिकारों के कथित उल्लंघन के लिए गुजरात में तीन अलग-अलग अदालतों में पेप्सिको द्वारा बनासकांठा, साबरकांठा और अरवल्ली जिलों के 11 किसानों पर मुकदमा दायर किया गया था। इसके तहत किसानों से 4.2 करोड़ रुपए के हर्जाने की मांग की गई थी। इसके बाद कंपनी ने साबरकंठा जिले के 4 किसानों से 1.5-1.5 करोड़ रुपए हर एक से हर्जाने का केस कर दिया। 2017-18 में गुजरात के 5 किसानों के खिलाफ भी इसी तरह का मुकदमा किया गया था। हालांकि कंपनी ने अब चारों किसानों के खिलाफ किया गया केस वापस ले लिया है। पेप्सिको के इस कदम का सोशल मीडिया के साथ-साथ राजनीतिक दलों ने भी विरोध किया था।
यह रखी थी शर्त
पेप्सिको ने उन तीन किसानों से समझौता करने के लिए एक शर्त रखी थी। इसके मुताबिक किसान उनके आलू फार्मिंग प्रोग्राम के साथ जुड़ सकते हैं। इससे उन्हें ट्रेनिंग के अतिरिक्त आलू के लिए अच्छा दाम भी मिलेगा। वहीं अगर किसान उनके आलू फार्मिंग प्रोग्राम के साथ नहीं जुड़ते हैं तो उन्हें एक एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करना होगा। ऐसा करने से इनके एफएल-2027 आलू उगाने पर रोक लग जाएगी।
किसानों ने लिया था सामूहिक निर्णय
किसानों ने पेप्सिको के उत्पादों का बहिष्कार करने के लिए भारतीय किसान संघ की गुजरात इकाई के बैनर तले सामूहिक निर्णय लिया था। किसानों ने पेप्सीको के खिलाफ बीज अधिकार मंच के तहत लड़ाई को आगे ले जाने का फैसला किया था। किसानों का कहना था कि देश में भी कोई भी कंपनी किसान को किसी भी तरह के बीज का प्रयोग करने से मना नहीं कर सकती है। किसानों का कहना था कि पेप्सिको सभी किसानों के ऊपर से मुकदमा वापस ले और उनको मानहानि भी दे।