
मोदी ने कहा, “हमें खुशी है कि आसियान के साथ संबंध मजबूत हैं और शांतिपूर्ण और समृद्ध ग्रह में योगदान दे रहे हैं।”
31 मई से दो जून के सिंगापुर के अपने आधिकारिक दौरे के दौरान मोदी ने अपने सिंगापुरी समकक्ष ली सीन लूंग के सामने प्रस्ताव रखा था कि भारत और सिंगापुर को एक संयुक्त हैकेथॉन का आयोजन करना चाहिए। ली ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया था। सिंगापुर ने इस हैकेथॉन के आयोजन का काम नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एनटीयू) और उसकी नवप्रवर्तन एवं उद्यम शाखा– एनटीयूटिव को सौंपा था। भारत ने इसकी जिम्मेदारी ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) को दी थी।
सिंगापुर में भारतीय उच्चायोग ने सिंगापुर के शिक्षा एवं विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर इस कार्यक्रम को संभव बनाया। दोनों देशों से 20-20 टीमों ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। इन टीमों में यूनिवर्सिटी एवं कॉलेज के छात्र शामिल थे जिन्हें देश भर से चुना गया। इन छात्रों ने युवाओं के नवप्रवर्तन क्षमताओं के उपयोग एवं प्रदर्शन के लिए इस हैकेथॉन में हिस्सा लिया। रणनीतिक भागीदारों के रूप में भारत और आसियान के बीच नजदीकी व्यापारिक और आर्थिक संबंध हैं।
2017-18 में भारत–आसियान व्यापार 81.33 अरब डॉलर रहा| यह भारत के कुल व्यापार का 10.58 प्रतिशत है। भारत के कुल निर्यात में आसियान देशों का हिस्सा 11.28 प्रतिशत है। 2017 में भारत और आसियान ने अपने रिश्तों की 25वीं सालगिरह मनाई थी। भारत–आसियान बैठक इस साल जनवरी में हुई थी और गणतंत्र दिवस का मौके पर आसियान देशों के प्रमुख भारत के खास मेहमान बने थे।

