
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान आज भारत के दौरे पर आ रहे हैं| कूटनीतिक और राजनीतिक लिहाज से उनका ये दौरा काफी अहम माना जा रहा है| सूत्रों के मुताबिक इस यात्रा के दौरान क्राउन प्रिंस एनर्जी और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश का ऐलान कर सकते हैं|
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान दो दिनों के पाकिस्तान दौरे पर थे| सूत्रों के अनुसार, सऊदी अरब और कर्ज में डूबे पाकिस्तान के बीच रविवार को 20 बिलियन डॉलर के राहत पैकेज के तौर पर निवेश सौदों पर हस्ताक्षर हुए| पाकिस्तान इस समय कर्ज में डूबा हुआ है| सऊदी अरब ने पाकिस्तान में निवेश नहीं किया बल्कि वहां पर आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए राहत पैकेज दिया है|
इससे पहले 20 अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब गए थे और भारत ने सहयोगी देश के साथ संबंधों की नई ऊंचाई को छुआ था। विदेश मंत्रालय के सूत्र बताते हैं प्रिंस सलमान की भारत यात्रा बहुत महत्वपूर्ण है और भारत अपने सहयोगी देश सऊदी अरब का आठवां रणनीतिक साझीदार देश बनने जा रहा है।
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बताते हैं इसके लिए सऊदी अरब और भारत के बीच में रणनीतिक साझीदार बनने के लिए करीब-करीब सहमति बन चुकी है। इसकी बस औपचारिकता भर शेष है। अभी सऊदी अरब की अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, कोरिया, चीन के साथ रणनीतिक साझेदारी है। क्राऊन प्रिंस सऊदी अरब के रक्षा मंत्री भी हैं। रक्षा क्षेत्र में दोनों देश नई साझेदारी बढ़ाने पर भी सहमत हैं। इसमें सऊदी अरब और भारत के के बीच में संयुक्त युद्धाभ्यास, रक्षा उत्पादन क्षेत्र में संयुक्त प्रयास आदि शामिल हैं।
बताते हैं इस कड़ी में भारतीय नौ सेना और सऊदी अरब की नौसेना के बीच में संयुक्त युद्धाभ्यास भी प्रस्तावित है। इस युद्धाभ्यास के प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा रहा है। क्राऊन प्रिंस की दो दिन की यात्रा के दौरान भारत और सऊदी अरब के बीच हाईड्रोकार्बन, ऊर्जा सुरक्षा, वैकल्पिक उर्जा (सौर उर्जा) के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच में रिश्ते आगे बढ़ने के आसार हैं। अभी सऊदी अरब और भारत के बीच में 27.48 अरब अमेरिकी डालर का द्विपक्षीय व्यापार है। 2016-17 की तुलना में पिछले साल इसमें दस प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत को उम्मीद है कि रियल स्टेट, खाद्यान्न स्टोरेज के रूप में वेयर हाऊस समेत अन्य में सऊदी अरब बड़े पैमाने पर विवेश की घोषणा कर सकता है।
पाकिस्तान और भारत की कोई तुलना नहीं
क्राऊंन प्रिंस द्वारा पाकिस्तान के साथ 20 अरब डालर का एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाने को भारत कोई महत्व नहीं देता। भारत का मामना है कि नई दिल्ली इस्लामाबाद नहीं है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लड़खड़ाकर औंधे मुंह गिर चुकी है। ऐसे में पाकिस्तान के साथ 20 अरब डॉलर का पैकेज उसके लिए बेल आऊट की तरह है। जबकि भारत सात प्रतिशत की दर से एक तेजी से उभरती अर्थव्यस्था वाला देश है। ऐसे में सऊदी अरब यदि भारत में निवेश करता है तो इसके दूसरे मायने हैं।
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हज यात्रियों का बढ़ सकता है कोटा, जेल में बंद लोगों पर होगी बात
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सऊदी अरब के साथ हज यात्रा पर जाने वाले यात्रियों का कोटा बढ़ने की पूरी उम्मीद है। अभी 1 लाख 70 हजार हज यात्रियों के वहां जाने का कोटा है। जबकि इस बार भी हज यात्रा के लिए तीन लाख से अधिक लोगों के आवेदन का दबाव है। भारत ने इसे केंद्र में रखकर सऊदी अरब से कोटा बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की है।
बताते हैं इस संदर्भ में नई दिल्ली रियाद को हज यात्रा का आवेदन करने वाले यात्रियों से लेकर अन्य जानकारी मुहैया कराएगी। माना जा रहा है कि जल्द ही इसके लिए कोटा में बढ़ोत्तरी होने के भी आसार हैं। इसके अलावा भारत, सऊदी अरब की जेल में बंद अपने नागरिकों को लेकर भी क्राऊन प्रिंस के साथ आ रहे प्रतिनिधि मंडल के साथ द्विपक्षीय वार्ता में चर्चा करेगा।
आतंकवाद पर भारत के साथ
सऊदी अरब ने 20 अप्रैल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान आतंकवाद की कड़ी निंदा की थी। सऊदी अरब के क्राऊन प्रिंस सलमान जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों द्वारा भारतीय सुरक्षा बल पर किए गए हमले के बाद भारत आ रहे हैं। समझा जा रहा है कि वह अपनी भारत यात्रा के दौरान आतंकवाद के विरुद्ध भारत का साथ देते हुए कड़ा संदेश दे सकते हैं।