
नीरव मोदी घोटाले से घिरे पंजाब नेशनल बैंक ने फैसला लिया है कि हर वार्षिक बैठक (एजीएम) और असाधारण आम बैठक (ईजीएम) में राष्ट्रगान (नेशनल एंथम) गाया जाएगा| अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक, पिछले एजीएम की बैठक में राष्ट्रगान गाने संबंधी प्रस्ताव एक शेयरधारक ने रखा था जिसे पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंध निदेशक सुनील मेहता ने मंजूरी दी| मेहता ने 18 सितंबर को बैठक में बताया कि अब बैंक के हर एजीएम और ईजीएम में राष्ट्रगान बजाया जाएगा|
पीएनबी के सालाना आम बैठक में राष्ट्रगान गाए जाने का प्रस्ताव एक शेयर धारक ने पेश किया जिसे बैंक के नॉन-एग्जिक्यूटिव चेयरमैन सुनील मेहता ने मंजूरी दी| मेहता ने मीडिया ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि यह बैठक 18 सितंबर 2018 को हुई थी| इसी बैठक में फैसला लिया गया था कि बैंक की एजीएम और ईजीएम में राष्ट्रगान गाया जाएगा| बैंक की कथित सालाना बैठक वित्त वर्ष 2017-18 (एक अप्रैल 2017- 31 मार्च 2018) के वित्तीय लेखाजोखा पर विचार के लिए बुलाई गई थी| सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया और भारतीय रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक, एजीएम और ईजीएम में राष्ट्रगान गाना अनिवार्य नहीं है| प्राइम डाटाबेस के फाउंडर चेयरमैन पृथ्वी हल्दिया ने बैंक के फैसले का स्वागत किया है| उन्होंने कहा, ‘यह आम नहीं है लेकिन कई कंपनियां महत्वपूर्ण कार्यक्रम से पहले राष्ट्रगान का आयोजन करती है| कॉरपोरेट सेक्टर में राष्ट्रगान बजाने से क्यों किसी को दिक्कत होगी?
वहीं इन गवर्न रिसर्च सर्विस के फाउंडर और एमडी श्रीराम सुब्रमण्यम ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि भारत में कोई कंपनी अपनी एजीएम और ईजीएम में राष्ट्रगान बजाती होगी| शेयरधारकों पर राष्ट्रगान थोपना अजीब है| आपको बता दें कि इसी साल जनवरी में देश के बड़े सरकारी बैंकों में शामिल पीएनबी में बड़े पैमाने पर घोटाला उजागर हुआ था| घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में कहा था कि मेहुल चोकसी ने 7,080.86 करोड़ रुपए ठगे जो इस देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला है| नीरव मोदी ने कथित तौर पर 6,000 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की यानि बैंक को करीब 13,000 करोड़ का चूना लगा| इस घोटाले में बैंक के कई बड़े अधिकारियों का भी नाम है|
नीरव मोदी और मेहुल चौकसी का पीएनबी घोटाला
फरवरी 2018 में पंजाब नेशनल बैंक के चेयरमैन सुनील मेहता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि बैंक के कामकाज में अनियमितताएं बरती गईं| इसमें प्रमुख रूप से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के जरिए हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके रिश्तेदार मेहुल चौकसी ने भारतीय बैंकों के 13000 करोड़ रुपए से अधिक का घोटाला किया| पीएनबी के अनुसार मोदी और चौकसी ने साल 2011 से 2018 के बीच ये राशि बैंक से निकाली|
इस घोटाले में बैंक के कई अधिकारियों ने भी उसका साथ दिया| सीबीआई और ईडी ने इस मामले में नीरव मोदी, मेहुल चौकसी समेत पीएनबी के कई अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है| मुंबई की अदालत नीरव मोदी और मेहुल चौकसी को भगोड़ा घोषित कर चुकी है| बैंक घोटालों के खुलासे से पहले ही नीरव मोदी और मेहुल चौकसी देश छोड़कर भाग गए थे| मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लगातार दोनों की संपत्तियों को जब्त कर रहा है| नीरव मोदी और मेहुल चौकसी दोनों अभी तक देश से फरार हैं|

