लंबे समय से चल रहे राफेल डील विवाद को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने मोदी सरकार पर फिर से निशाना साधा है| मालुम हो शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राफेल मामले पर फैसला सुनाया जिसमें अदालत का कहना था कि सौदे पर कोई संदेह नहीं है| इसके साथ ही कोर्ट ने सौदे को लेकर दायर की गई सभी याचिकाओं को ख़ारिज कर दिया| उच्चतम न्यायलय के इस फैसले के बाद कांग्रेस ने मोदी पर ज़ोरदार हमला बोला है| राहुल गांधी ने कहा कि पूरा हिंदुस्तान समझता है कि चौकीदार चोर है और वे इसको साबित करके दिखाएंगे कि हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री अनिल अंबानी का दोस्त है और उसने अनिल अंबानी से चोरी करवाई है|
राहुल ने उठाए ये तीन सवाल
राहुल ने कहा कि जिस दिन राफेल मामले की जांच होगी उस दिन दो नाम निकलेंगे, अनिल अंबानी और नरेंद्र मोदी| उन्होंने कहा कि 30,000 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रैक्ट एचएएल से छीनकर अनिल अंबानी को क्यों दिया? हिंदुस्तान के युवाओं से रोज़गार क्यों छीना गया? राहुल ने कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि चोरों ने जो पैसा लिया है वो किसानों का है उनकी बातों में कोई फंसने वाला नहीं है| राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस क्यों नहीं करते हैं| उन्होंने कहा कि राफेल पर उनके सवाल बरकरार हैं| राफेल डील पर जेपीसी की मांग पर अड़े राहुल ने कहा कि सरकार को इस मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति बनाने में आखिर क्या दिक्कत है| कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को राफेल विमान की कीमतों की गलत जानकारी दी गई| राहुल ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि राफेल हवाई जहाज की कीमत के विवरण कैग की रिपोर्ट में लिखे हैं और उसे लोक लेखा समिति से साझा किया गया है लेकिन खड़गे जी पीएसी के अध्यक्ष हैं और ऐसी कोई रिपोर्ट उन्होंने देखी ही नहीं|’ राहुल ने कहा कि जब कोई झूठ बोलता है तो कहीं न कहीं निकलता है| अब सरकार को उन्हें ये समझाना होगा कि ये पीएसी रिपोर्ट कहां है?
राहुल ने आगे कहा कि ये कैसे हो सकता है कि पीएसी अध्यक्ष ने रिपोर्ट नहीं दिखी| लोक लेखा समिति के सदस्यों को इस रिपोर्ट के बारे में पता नहीं चला और सुप्रीम कोर्ट को दिख गई| कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम पर तंज कसते हुए कहा कि शायद कोई और पीएसी चल रही है| शायद फ्रांस की संसद में चल रही है| हो सकता है मोदी जी ने अपनी पीएसी पीएमओ में बैठा रखी हो| राहुल ने कहा कि इस सरकार ने संस्थाओं की धज्जियां उड़ा रखी है|

