
महाराष्ट्र में प्रांतवाद व भाषावाद का जहर घोलने की राजनीति करने वाले MNS अध्यक्ष राज ठाकरे बदले हुए सियासी हालात में अब उत्तर भारतीयों के मंच पर भी नजर आएंगे। राज ठाकरे एक नई संस्था उत्तर भारतीय महापंचायत के आमंत्रण पर आगामी दो दिसंबर को पश्चिमी उपनगर कांदिवली में उत्तर भारतीय समाज के साथ संवाद साधेंगे।
सोमवार को MNS के प्रवक्ता संदीप देशपांडे ने ट्वीट करके यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष राज ठाकरे ने उत्तर भारतीय महापंचायत की तरफ से दिए गए निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। वे उत्तर भारतीयों के साथ संवाद कार्यक्रम में शामिल होंगे।
आयोजक संस्था से ही अंजान उत्तर भारतीय
हालांकि कार्यक्रम का आयोजन करने वाली इस संस्था से उत्तर भारतीय भी अनजान हैं। 25 नवंबर को शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे अयोध्या जाने वाले हैं। समझा जा रहा है कि उद्धव ठाकरे राम मंदिर के मुद्दे के साथ–साथ उत्तर भारतीय समाज को भी करीब लाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में राज ठाकरे का उत्तर भारतीयों के साथ संवाद कार्यक्रम में जाने का फैसला अहम माना जा रहा है।
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MNS नेता देशपांडे ने उत्तर भारतीयों के विरोध के आरोप पर कहा कि किसी मुद्दे को लेकर हमारे विचार भिन्न हो सकते हैं लेकिन, किसी समाज के मंच पर जाकर अपने विचार रखने में कोई बुराई नहीं है। देशपांडे ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी आरएसएस के मंच पर जा सकते हैं तो राज ठाकरे उत्तर भारतीयों के मंच पर क्यों नहीं जा सकते।
पहले उत्तर भारतीयों से माफी मांगें राज : निरुपम
इस बीच, मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम ने कहा कि राज ठाकरे को पहले उत्तर भारतीयों से माफी मांगनी चाहिए। इसके बाद उत्तर भारतीय समाज उन्हें स्वीकार करेगा। निरुपम ने कहा कि मैं राज के फैसले का स्वागत करता हूं। लेकिन, उन्होंने उत्तर भारतीयों के साथ जो बर्ताव किया है उसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।

