
ममता बनर्जी ने कहा बीजेपी इस तरह खुद को दर्शाती जैसे उसने राष्ट्र को जन्म दिया था लेकिन आजादी के दौरान वे कहीं नहीं थे| उन्होंने कहा आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने यह कहकर सही किया है कि वह सीबीआई को अपने राज्य में स्वीकृति नहीं देंगे|
इससे पहले ममता बनर्जी ने शहरों के नाम बदलने के मुद्दे पर पीएम मोदी पर निशाना साधा था| उन्होंने कहा शहरों का नाम बदलने पर उत्सव मनाया जा रहा है लेकिन पश्चिम बंगाल का नाम बंगला करने पर सहमति नहीं दी जा रही है| फेसबुक पोस्ट में सीएम ममता बनर्जी ने कहा था की बीजेपी अपने राजनीतिक हित के लिए हर रोज ऐतिहासिक जगहों का नाम बदल रही है| आजादी के बाद कई राज्यों और शहरों का नाम बदला गया था जिसमें उड़ीसा को ओडिशा, पांडुचेरी को पुडुचेरी, मद्रास को चेन्नई, बॉम्बे को मुंबई और बेंगलोर को बंगलुरु किया गया था|
ममता ने कहा यह बदलाव राज्य की भावना और स्थानीय भाषा के आधार पर किया गया था और यह वास्तविक था लेकिन बंगाल को लेकर दृष्टिकोण बिल्कुल अलग अपनाया गया|
ममता बनर्जी ने कहा राज्य विधानसभा ने स्थानीय भावना के आधार पर सर्वसम्मति से पश्चिम बंगाल का नाम बदलने संबंधी एक रिजाल्यूशन पारित किया था लेकिन यह प्रस्ताव अभी तक गृह मंत्रालय में विचाराधीन है| प्रस्ताव यह था कि पश्चिम बंगाल का नाम बंगला कर दिया जाए| जिससे हिंदी, अंग्रेजी और बंगली में तीन अलग तरह से इस राज्य को न पुकारा जाए|
पश्चिम बंगाल में इसी साल 26 जुलाई को विधानसभा में रिजाल्यूशन पारित किया गया था जिसमें राज्य का नाम बदलने की बात कही गई थी| इस मुद्दे पर लेफ्ट और कांग्रेस समेत सभी पार्टियां सहमत हुई थीं| गौरतलब है कि यूपी सरकार ने हालही में इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज और फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया था| इसके अलावा गुजरात में भी बीजेपी अहमदाबाद का नाम बदलकर कर्णावती करने पर विचार कर रही है| बीजेपी नेताओं ने यह भी वादा किया है कि तेलंगाना में सत्ता में आने पर वह हैदराबाद का नाम भी बदलेंगे|
टीएमसी के सूत्रों का कहना था कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल का नाम इसलिए बदलना चाहती हैं क्योंकि राज्य के आंकड़े अल्फाबेटिकल ऑर्डर में सबसे नीचे दिखाई देते हैं| अगर राज्य का नाम बदलता है तो पार्टी के सांसदों को भी संसद में पहले अपना मुद्दा उठाने में मदद मिलेगी| वहीं दूसरी तरफ ममता बनर्जी ने शुक्रवार को मीडिया से निडर होने और सच्चाई की रिपोर्ट करने की अपील की। National Press Day के अवसर पर ममता ने ट्वीट किया की सभी जर्नलिस्टों के लिए मेरी शुभकामनाएँ।
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उन्होंने रवींद्रनाथ टैगोर की एक प्रसिद्ध कविता का एक उद्धरण देते हुए कहा ‘जहां मन डर के बिना है और सिर ऊंचा क्या ये शब्द आपको प्रेरित करेंगे| राष्ट्रीय प्रेस दिवस हर साल 16 नवंबर को देश में एक स्वतंत्र और जिम्मेदार प्रेस और पत्रकारों के लिए मनाया जाता है।

