
रॉबर्ट वाड्रा की इलाज के लिए दिल्ली की रॉउज एवेन्यू कोर्ट ने विदेश जाने की अनुमति की याचिका पर फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने वाड्रा को इलाज के लिए यूएस और नीदरलैंड जाने की अनुमति दे दी है। यह अनुमति छह हफ्ते के लिए दी गई है। रॉबर्ट वाड्रा अभी अपने जाने का शेड्यूल कोर्ट को देंगे। मंगलवार को उन्हें ईडी ने पूछताछ के लिये बुलाया है।
पिछली सुनवाई में ईडी ने लंदन जाने का विरोध किया था। ईडी ने कोर्ट में कहा था कि वाड्रा लंदन क्यों जाना चाहते थे। इसके बाद वाड्रा ने कहा था कि जहां बड़ी आंत के ट्यूमर का सही इलाज हो, वो जगह आप बता दीजिए मैं वहां चला जाऊंगा। फिर वाड्रा को नीदरलैंड और यूएस बताया गया, इसलिए अब वाड्रा को इन दो देशों में अपना इलाज कराने की मंजूरी दी गई है।
कोर्ट ने 29 मई को धनशोधन मामले में आरोपी रॉबर्ट वाड्रा की विदेश जाने की अनुमति वाली याचिका पर अपना फैसला तीन जून के लिए सुरक्षित रख लिया था। प्रवर्तन निदेशालय ने वाड्रा की उस अर्जी का विरोध किया जिसमें उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी कारणों का हवाला देते हुए ब्रिटेन और अन्य देशों की यात्रा की अनुमति मांगी है। वाड्रा ने अदालत को बताया कि सर गंगा राम अस्पताल के अनुसार ‘उनकी बड़ी आंत में एक छोटा ट्यूमर है और इस बारे में वह लंदन में दूसरी राय लेना चाहें तो ले सकते हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने अर्जी का यह कहते हुए विरोध किया था कि चिकित्सीय स्थिति वहां जाने का एक बहाना है, जहां धनशोधन से अर्जित राशि है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश होते हुए कहा था की हमें उनकी चिकित्सीय रिपोर्ट के आधार पर एक राय प्राप्त हुई है। यह नियमित चिकित्सीय स्थिति है, जिसे न तो शल्यक्रिया की जरुरत है और न ही किसी इलाज की। ऐसा नहीं है कि इलाज भारत में उपलब्ध नहीं है। किसी विशेष शहर में दूसरी राय प्राप्त करने की विलासिता की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा की जांच एक महत्वपूर्ण चरण में है। उनकी हिरासत में पूछताछ की जरूरत है और यदि उन्हें विदेश जाने की इजाजत दी गई तो वे फरार हो सकते हैं।
ईडी ने अदालत को यह भी बताया था कि वाड्रा कथित हथियार डीलर संजय भंडारी से जुड़े हैं जो कि लंदन में था। एजेंसी ने अदालत से कहा था की वे फरार हो सकते हैं और हो सकता है कि वापस नहीं आयें। वे जांच को प्रभावित कर सकते हैं और सबूत नष्ट कर सकते हैं। भंडारी भारत से भाग गया और वर्तमान में लंदन में है। इस मामले में वह वाड्रा से जुड़ा है। वाड्रा को यदि विदेश जाने की इजाजत दी गई तो वे सबूत नष्ट कर सकते हैं।